Bhopal. ओमकारेश्वर में ओमकार पर्वत पर आदिगुरू शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होनी है। इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी है। मामला अब हाईकोर्ट में है और हाईकोर्ट को ही अब इस पूरे मामले में फैसला देना है। दरअसल सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर दो चीजों का विरोध हो रहा है। विरोध करने वाले साधु—संत और भारत हितरक्षा अभियान का आरोप है कि इससे ओमकार पर्वत जो स्वयं शिव के समान है, वह खंडित हो रहा है। श्रद्धालु इसकी परिक्रमा करते हैं, इससे धार्मिक भावनाएं खंडित हो रही है। वहीं पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से पर्वत के हजारों पेड़ों को काटा जाएगा। द सूत्र ने इस प्रोजेक्ट को लेकर और इससे जुड़े तमाम विरोधों की ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल की थी, जिसे द सूत्र पहले ही दिखा चुका है। प्रोजेक्ट के लिए करीब 7 हेक्टेयर जमीन टूरिज्म डिपार्टमेंट को हैंडओवर की गई है। टूरिज्म डिपार्टमेंट ने जो अनुमति ली उसमें 350 पेड़ काटना बताया गया। वहीं पर्यावरणविद का मानना है कि इस क्षेत्र में ही 3500 से अधिक पेड़ है। 350 पेड़ की अनुमति की आड़ में हजारों पेड़ों की बलि न चढ़ जाए इसलिए भारत हित रक्षा अभियान से जुड़े लोग पेड़ों की गिनती और उन पर तख्तियां लगाने के लिए ओमकार पर्वत गए। जहां प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद अभियान से जुड़े करीब 50 लोगों ने बारिश के बीच यहां धरना दिया। काफी समझाइश के बाद ओमकारेश्वर तहसीलदार और थाना प्रभारी द्वारा शिकायत आवेदन लेने के बाद मामला शांत हुआ।
कोटवार ने स्वीकारा 10 हजार से अधिक हैं पेड़
ओमकार पर्वत पर पेड़ों की गिनती करने से रोकने पर अभियान से जुड़े लोग और अधिकारियों के बीच विवाद की स्थिति भी बनी। मौके पर कितने पेड़ हैं इसके लिए वन विभाग से संपर्क किया गया। कुछ देर बाद कोटवार आया। जिसने बातों ही बातों में पार्किंग के लिए आरक्षित एरिए में करीब 10 हजार छोटे—बड़े सभी पेड़ों के होने की बात स्वीकार की। जबकि प्रोजेक्ट के लिए ली गई अनुमति में यहां 350 पेड़ों के काटे जाने की बात कही गई है।
गैरकानूनी तरीके से पेड़ काटने वालों पर हो कार्रवाई
भारत हितरक्षा अभियान से जुड़े अभय जैन ने बताया कि वह शांतिपूर्ण तरीके से सिर्फ पेड़ों की गिनती करने के लिए गए थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने बताया भी नहीं कि किस नियम या आदेश के तहत उन्हें रोका जा रहा है। मामले में अभियान के सदस्यों द्वारा बारिश के बीच धरना भी दिया गया। प्रशासन को एक आवेदन सौंपा है, जिसमें संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही मांग की गई कि गैरकानूनी तरीके से पेड़ काटने वालों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। हालांकि ओमकारेश्वर थाना प्रभारी बलराम सिंह राठौर ने कहा कि श्रावणमास के कारण भीड़ अधिक होने के कारण लोगों को रोका था, यदि वह पेड़ों की गिनती करने के लिए अनुमति ले आते हैं तो हमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है।