GWALIOR : सहकारिता निरीक्षक बोला ,घर बेचो या घरबाली मुझे पूरी रिश्वत चाहिए,लोकायुक्त ने दबोचा

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Dev Shrimali
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GWALIOR : सहकारिता निरीक्षक बोला ,घर बेचो या घरबाली मुझे पूरी रिश्वत चाहिए,लोकायुक्त ने दबोचा


GWALIOR.लोकायुक्त की टीम ने एक सहकारिता निरीक्षक को उसके दफ्तर में ही पन्द्रह हजार की रिश्वत लेते हुए दबोच लिया। फरियादी से नौकरी बहाली के लिए तीस हजार रुपये रिश्वत की मांग निरीक्षक ने की थी जिसमे से पन्द्रह पहले वह ले चुका था । फरियादी को कल घर बुलाकर निरीक्षक ने कहा कि चाहे घर बेचो या घर वाली उसे पैसे चाहिए इससे वह आहत हो गया।  सहकारिता निरीक्षक ने एक पिता पुत्र काे नाैकरी से निकाल दिया, जब बहाली के लिए गुहार लगाई ताे बाेले-लुगाई बेचाे, गहने बेचाे या मकान बेचाे, बिना 50 हजार रुपये दिए नाैकरी वापस नहीं मिलेगी। फरियादी काे ये बात चुभ गई और उसने सीधे लाेकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पैसाें के लेनदेन काे लेकर बात हुई और साैदा 30 हजार में तय हुआ। आज संजय कांप्लेक्स स्थित सहकारिता कार्यालय में पहुंचकर फरियादी ने रिश्वत के पैसे दिए, जैसे ही सहकारिता निरीक्षक केशव सिंह टंडन ने पैसे हाथ में लिए लाेकायुक्त ने पकड़ लिया। हाथ धुलवाए ताे पानी रंग बिरंगा हाे गया।



ये था पूरा मामला




प्राथमिक कृषि साख सहकारी मर्यादित पिछाेर साेसायटी में सेल्स मेन के पद पर कार्यरत अल्ताफ अहमद खान और उनके पिता फारूख खान नाैकरी करते थे। पिता सन् 1981 से समिति के प्रबंधक के पद पर थे, जबकि अल्ताफ 2012 से नाैकरी पर लगा था दुकान पर सेल्समेन था । 7 जुलाई की तारीख काे दाेनाें काे आदेश जारी कर सेवा से हटा दिया गया।पिता-पुत्र काे आदेश 9 जुलाई काे मिला। जब पुत्र अल्ताफ खान सहकारिता निरीक्षक केशव सिंह से मिलने घर पर पहुंचा ताे नाैकरी पर वापस रखने के लिए 50 हजार रुपये की मांग की गई। जब मान मनाेव्वल की ताे साैदा 30 हजार में तय हुआ। साथ ही चेतावनी दी कि बिना पैसे के नाैकरी पर वापस नहीं आ सकते।

जिसके बाद फरियादी ने इसकी शिकायत लाेकायुक्त में दर्ज कराई। इसके बाद निर्धारित याेजना के अनुसार फरियादी आज सुबह 15 हजार रुपये लेकर सहकारिता विभाग के कार्यालय में पहुंचा। यहां पर उसने 15 हजार रुपये सहकारिता निरीक्षक केशव टंडन के हाथ में दिए। पैसे लेने के साथ ही लाेकायुक्त की टीम पहुंच गई और उसे गिरफ्तार कर लिया।

अल्ताफ अहमद खान ने बताया कि उसे और उसके पिता को कुछ  समय पहले सहकारिता निरीक्षक केशव टंडन ने अकारण सेवा से पृथक कर दिया था। वह इन आदेश के खिलाफ सहकारिता विभाग में अपील में गया तो उसे स्टे मिल गया। खान जब इस स्टे की कॉपी लेकर जॉइनिंग के लिए सहकारिता निरीक्षक के पास पहुंचा तो उन्होंने कहाकि वे इस आदेश को नही मानते । मैं तो स्वयं ही सक्षम हूँ । अगर बहाली चाहिए तो पहले पचास हजार रुपये दो। फरियादी का कहना है कि उसने पन्द्रह हजार पहले दे दिए । उसने आग्रह किया कि उसे जॉइन करा दो । मेरे पिताजी का पांच माह बाद रिटायरमेंट है । मैं बाकी पैसे दे दूंगा ।



घर बुलाकर बेइज़्ज़त किया



खान का कहना है कि टंडन ने कल मुझे अपने घर बुलाया । उन्होंने कहाकि घर बेचो चाहे घरवाली उसे पहले पूरे पैसे चाहिए । उन्होंने और भी तमाम बातें कहकर अपमानित किया । वह घर लौटा और पत्नी के जेवर गहन रखकर रुपयों की भी व्यवस्था कर ली लेकिन टण्डन के शब्द उसके कानों में गूंजते रहे । वह सीधे लोकायुक्त दफ्तर पहुंचा और सारी बात बताई।



दफ़्तर में ले ली रिश्वत



सहकारिता निरीक्षक ने खान को पैसे देने के लिए जयेंद्र गंज स्थित सरकारी दफ्तर में ही बुला लिया। वहां लोकायुक्त टीम ने पहले ही मोर्चा संभाल लिया था । खान से टण्डन ने पन्द्रह हजार रुपये लेकर जैसे ही जेब मे डाले इशारा पाते ही लोकायुक्त टीम ने तत्काल उन्हें दबोच लिया और उनकी जेब से पाउडर लगजे रुपये जप्त कर लिए गए।



पेंट उतरवाकर किया जप्त



रिश्वत के पैसे लेकर सहकारिता निरीक्षक टंडन ने फटाफट अपनी पेंट की जेब में रख लिए थे और रुपये जेब से ही निकलवाकर बरामद किए गए थे इसलिए साक्ष्य के लिए लोकायुक्त दल ने उनका पेंट उतरवाकर उसे भी रिश्वत के रुपयों के साथ जब्त कर लिया गया।


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