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Jabalpur. संस्कारधानी जबलपुर में पूरे नौ दिनों तक नवरात्र की छठा उत्साह और उमंग के साथ बिखरती रही। जिसका समापन विजया दशमीं का साथ शुरू हो चुका है। जबलपुर में खास बात यह है कि यहां करीब 450 दुर्गा और महाकाली की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं और शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से करीब आधा दर्जन से भी ज्यादा दशहरा चल समारोह निकाले जाते हैं। बुधवार की रात मुख्य दशहरा चल समारोह के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों के 3 से 4 दशहरा चल समारोह निकाले गए। वहीं गुरूवार को भी गढ़ा समेत अन्य स्थानों के दशहरा चल समारोह निकाले जा रहे हैं।
सुबह नौ बजे हुआ वृहद महाकाली का विसर्जन
विजया दशमीं पर्व पर निकाले गए मुख्य दशहरा चल समारोह के सबसे पीछे इस बार शहर की शान गढ़ाफाटक की महाकाली विसर्जन स्थल तक पहुंचीं। हजारों की तादाद में श्रद्धालु जहां वृहद महाकाली के साथ चल रहे थे वहीं उनकी श्रद्धा में नमन करने भी हजारों की तादाद में भक्त सड़कों के किनारे देर रात तक इंतजार करते रहे। सुबह तकरीबन पौने नौ बजे हनुमानताल में महाकाली की विशाल प्रतिमा का विसर्जन किया गया, इस विहंगम दृश्य के कई वीडियो शहर में वायरल हो रहे हैं।
शरद पूर्णिमा को होगा जबलपुर की महारानी का विसर्जन
बता दें कि विसर्जन क्रम में सबसे अंत में शरद पूर्णिमा की सुबह ग्वारीघाट स्थित भटौली कुंड में पड़ाव, कांचघर और अन्य इलाकों की दुर्गा प्रतिमाओं और महाकाली प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। शरद पूर्णिमा के पहले पड़ने वाली रात में ग्वारीघाट रोड पर भी दशहरा चल समारोह जैसा जनसैलाब उमड़ता है। जिसे संभालने पुलिस प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
धूं-धूं कर जल उठा रावण
इधर मुख्य दशहरा चल समारोह का नेतृत्व करने वाली गोविंदगंज रामलीला समिति ने हनुमानताल में ही रावण दहन का आयोजन रखा। जिसमें कई फिट विशाल रावण के पुतले को प्रभु श्रीराम के पात्र ने तीर चलाकर भस्म किया। इस दौरान रामलीला समिति समेत अनेक संत-महात्मा और हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालु इस पल के साक्षी बने।