सागर. सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम (St. Francis Sewadham ashram) में बच्चों को गाय का मांस खिलाने के मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने नोटिस जारी किया है। आयोग (NCPCR) सागर SP तरूण नायक से 48 घंटे के भीतर मामले में कार्रवाई कर जवाब देने को कहा है। नोटिस में आयोग ने बताया कि हमें शिकायत मिली है कि प्रार्थी के नाबालिग बच्चों को सेवाधाम आश्रम में गोमांस खिलाने और बाईबल (Bible) पढ़ने के लिए मजबूर किया गया है। इसके साथ ही बताया कि ऐसा न करने पर आश्रम के एक व्यक्ति जिसे ब्रदर बोलते थे, उसने मारपीट की है। इस मामले में आयोग ने 8 दिसंबर को नोटिस भेजकर संज्ञान लेने को कहा है।
5 दिसंबर को सामने आया था मामला
जिले (Sagar) के कैंट थाना अंतर्गत बरारू में सेवाधाम आश्रम शायमपुरा में देशराज के नाबालिग बच्चा और बच्ची पढ़ते हैं। वो डेढ़ साल से उसी आश्रम में रह रहे थे। देशराज ने बताया कि बच्चों ने मुझे घर आकर बोला कि वो हमें गाय और सुअर का मांस खिलाते हैं। इसके साथ ही मारपीट भी करते हैं। इसके बाद मैंने मामले की शिकायत पुलिस तथा प्रशासन में की है।
शिकायत के तत्काल बच्चों को आश्रम से निकालकर उनके पिता के हैंड ओवर कर दिया गया था। वहीं, नाबालिग बच्चे ने बताया कि मैं सेवाधाम आश्रम में पढ़ता था। वहां चर्च ले जाते हैं, लॉकिट पहनाते हैं, बाइबिल (Bible) पढ़ाते हैं। एक दिन गर्दन दबा दी थी। गाय और सुअर का मांस भी खिलाते हैं। वो लोग मांस को अंदर ही काटते हैं।
पहले भी लग चुके धर्म परिवर्तन के आरोप
हिंदूवादी समाजसेवी, ओंकार सिंह ने बताया कि यह आश्रम पहले भी विवादों में रहा है। पूर्व में इस आश्रम के फादर रोजन पर धर्म परिवर्तन (Religion Conversion) कराने का आरोप लग चुका है। जिस पर एक जांच समिति भी गठित हुई थी। उस समय आश्रम में रहने वाले 70 बच्चों के धर्म तथा पिता के नाम की जगह एक ही व्यक्ति रोशन क्रिश्चियन का नाम लिखा गया था। जांच समिति गठित होने के बाद जांच समिति द्वारा कोई कार्रवाई आज दिनांक तक नहीं की गई।
सरकार ने आश्रम को मान्यता नहीं दी- ओंकार सिंह
ओंकार सिंह के मुताबिक, सेवाधाम आश्रम के संचालन की वर्तमान में शासन द्वारा मान्यता प्रदान नहीं की गई है। एक साल पहले इसकी मान्यता रद्द हो चुकी है। इन्होंने रिन्यूअल के लिए आवेदन दिया है। लेकिन मान्यता नहीं मिली है। जिस जगह पर यह आश्रम स्थित है उसकी लीज बहुत समय पहले निरस्त हो चुकी है। लेकिन सरकारी लीज के बगैर ये आश्रम संचालित हो रहा है। वहीं, बच्चों द्वारा लगाए गए गाय का मांस खिलाने तथा मिशनरी धर्म की ओर प्रेरित करने के आरोपों के मामले में जब सेवाधाम आश्रम का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने इस मामले में मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया।
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