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Jabalpur. आयुष्मान योजना के फर्जीवाड़े के मामले में एसआईटी स्कैम के एक-एक प्रत्यक्षदर्शी के बयान दर्ज कर रही है। इसके लिए अस्पताल के मरीजों को होटल वेगा में ठहराकर इलाज करने वाले अस्पताल स्टाफ को थाने बुलाकर पूछताछ की गई। एसआईटी की टीम बीते एक साल में काम छोड़ चुकी नर्सों को से भी पूछताछ में जुटी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह गोरखधंधा कितने लंबे समय से जारी था। पूछताछ में एसआईटी की टीम को कई अहम जानकारियां मिली हैं।
भोपाल से आई टीम जांच कर लौटी
बता दें कि आयुष्मान फर्जीवाड़े की जांच के लिए शहर पहुंची भोपाल की टीम ने अस्पताल पर बनाई गई स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट का निरीक्षण किया। इसके अलावा आयुष्मान योजना से जुड़े जिला स्तर के अधिकारियों से भी मामले को लेकर पूछताछ की। इस दौरान छापे के दौरान मिले साक्ष्यों और मरीजों के बयानों को भोपाल की टीम को सौंपा गया है।
एक-एक रिपोर्ट का हो रहा वैरीफिकेशन
एसआईटी की टीम अस्पताल से जब्त किए गए आयुष्मान हितग्राहियों के डेटा में संलग्न एक-एक जांच रिपोर्ट का भी वैरीफिकेशन कर रहा है। इसके अलावा इस घोटाले के जरिए कमाए गए रूपयों से डॉक्टर दंपती ने कितनी चल-अचल संपत्ति बनाई है। इस बात की पड़ताल भी एसआईटी कर रही है। सूत्रों की मानें तो पाठक दंपती ने हाल ही में रामपुर क्षेत्र में एक बेशकीमती जमीन का सौदा किया था। जिसकी उन्होंने रजिस्ट्री भी कराई थी।
फिर रिमांड पर ले सकती है पुलिस
पुलिस महकमे की सूत्रों की मानें तो फर्जीवाड़े की सघन जांच के उपरांत एक बार फिर डॉक्टर दंपती को रिमांड पर लिया जा सकता है। ताकि पूछताछ में सामने आए तथ्यों का मुख्य आरोपियों के सामने परीक्षण कराया जा सके।
अन्ना आंदोलन में सक्रिय था आरोपी डॉक्टर
बता दें कि साल 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले हुए अन्ना आंदोलन के समय भी आरोपी डॉक्टर अश्वनी पाठक सक्रिय भूमिका में था। अन्ना हजारे के जबलपुर दौरे के समय भी डॉक्टर पाठक मंच से भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी-बड़ी बातें और लच्छेदार भाषण देता था। 10 साल बाद यह डॉक्टर खुद फर्जीवाड़े का सरगना कैसे बन गया इस बात की भी चर्चा शहर में चल रही है।