आदिवासी महिला को 4 किमी खाट पर टांगकर घूमते रहे ग्रामीण, सड़क नहीं होने के चलते नहीं पहुंच सकी एम्बुलेंस

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Rajeev Upadhyay
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आदिवासी महिला को 4 किमी खाट पर टांगकर घूमते रहे ग्रामीण, सड़क नहीं होने के चलते नहीं पहुंच सकी एम्बुलेंस

Seoni, Vinod Yadav. आधा महीना भी नहीं बीता है जब हमने अपनी आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव बनाया है। लेकिन हाल ही में जबलपुर और उसके आसपास के जिलों से जो तस्वीरें सामने आई हैं उन्हें देखकर तो यही लगता है कि हम भले ही आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हों लेकिन आम आदमी की परेशानियों ने मानो अमृत पी लिया है जो न कभी खत्म हुई थीं और न कभी हो पाऐंगी। ताजा मामला सिवनी जिले का है जहां के घंसौर क्षेत्र के बखारी माल गांव में खेत में काम करते वक्त एक आदिवासी महिला को करंट लग गया। बुरी तरह से झुलसी हुई महिला को ग्रामीण खाट की पालकी बनाकर कंधे पर लिए 4 किलोमीटर तक पैदल चले, तब जाकर उन्हें एंबुलेंस मिल पाई। कारण था वह रास्ता जिस पर बरसात के दिनों में चार पहिया वाहन नहीं चल पाते। 



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प्रशासन की ओर से भी हुई पुष्टि



आजकल ऐसी खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के आरोप मीडिया पर लग रहे हैं। जिस कारण द सूत्र ने मामले की पूरी पड़ताल की। घंसौर के सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि जिस गांव में यह हादसा हुआ वह वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वनविभाग से परमीशन न मिलने की वजह से आजादी के पहले भी वह सड़क कच्ची थी और आज भी कच्ची है। आम दिनों में तो बखारी माल गांव तक ट्रैक्टर और अन्य चार पहिया वाहन  आते-जाते रहते हैं लेकिन बरसात के मौसम में चार पहिया वाहन उस सड़क पर नहीं चल पाते। 



बिजली की लाइन टूटकर गिरी थी



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बता दें कि करंट से झुलसी महिला का नाम यमुनाबाई सैयाम है। महिला एक खेत में बतौर मजदूर निंदाई के लिए गई थी। पानी से भरे खेत में निंदाई करते वक्त उस पर बिजली की लाइन टूटकर गिर गई। जिससे करंट की चपेट में आई यमुना बाई 80 फीसदी तक झुलस गई। आनन-फानन में ग्रामीणों ने खटिया की पालकी बनाई और पैदल ही मुख्य सड़क तक उसे लेकर आए। बड़ी मुश्किल में उसे घंसौर अस्पताल पहुंचाया गया जहां से उसे जबलपुर मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया है। 



इधर ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारियों को बिजली लाइन खराब होने की जानकारी बहुत पहले दी जा चुकी है। लेकिन इसके बावजूद भी लाइन का सुधार नहीं कराया गया। कितने भोले हैं ये ग्रामीण जो इस दुर्भाग्यजनक घटना के लिए सड़क को भी दोषी नहीं मानते। वो जानते हैं कि उन्हें कभी पक्की सड़क नहीं मिल पाएगी। इसलिए बिजली विभाग पर अपनी लाचारगी का दोष मढ़ रहे हैं। 


सड़क नहीं होने के चलते नहीं पहुंच सकी एम्बुलेंस आदिवासी महिला को 4 किमी खाट पर टांगकर घूमते रहे ग्रामीण सिवनी में खाट में टांगकर जान बचाने की जद्दोजहद the ambulance could not reach due to lack of road Struggling to save life by hanging in a cot in Seoni The villagers kept walking by hanging the tribal woman
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