Jabalpur. स्वास्थ्य सुविधाएं देने दिल्ली की राह पर मध्य प्रदेश भी चल रहा है लेकिन आधा अधूरा। हर वार्ड में क्लीनिक तो खोले जायेंगे लेकिन वहां एलोपैथिक डॉक्टर्स नहीं मिलेंगे। बल्कि प्रशिक्षण देकर सीएचओ रखे जाएंगे। इस स्थिति में यहां प्राथमिक इलाज ही संभव होगा।
यह है कांसेप्ट
शहर में 43 हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर अगले तीन माह में खुल जायेंगे। सरकारी भवनों में इनके लिए कमरे लिए जायेंगे। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में एलोपैथी डाक्टरों की कमी है,इससे यहां एलोपैथी डॉक्टर उपल्ब्ध नहीं होंगे।इसका विकल्प स्वास्थ्य विभाग ने बीएएमएस,बीएचएमएस किए हुए डाक्टरों को रखा है। नर्सिंग कोर्स किए हुए नर्सों को भी प्रशिक्षण के बाद रखा जायेगा। तीस हजार की जनसंख्या पर एक केन्द्र होगा।
गंभीर बीमारी का इलाज नहीं
इन केंद्रों में गंभीर बीमारियों का इलाज नहीं होगा। लोगों को यह जानकारी नहीं होने से केंद्रों में गंभीर बीमारी से पीड़ित भी पहुंच सकते हैं,उन्हें जिला अस्पताल या मेडिकल रेफर किया जाएगा।
तीन माह में शुरू
क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य डॉ संजय मिश्रा का कहना है कि दिल्ली की तर्ज पर हर वार्ड में क्लीनिक खोला जायेगा।तीन माह में ये शुरू हो जायेंगे। यहां प्रशिक्षण देकर सीएचओ नियुक्त किए जायेंगे।