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JABALPUR. नर्मदा (Narmada) जल बरसों से प्रदूषित हो रहा है। इसके बाद भी नर्मदा को प्रदूषित (Polluted) होने से रोकने के लिए ठोस प्रयास नहीं किए गए। अब तक पिछले तीन महापौर ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाकर इसे रोकने प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए। इस कार्य में करोड़ों रुपए खर्च हुए, सो अलग। नए मेयर जगत बहादुर सिंह अन्नू (Jagat Bahadur Singh Annu) भी इस कार्य को करना चाहते हैं। नए मेयर (Mayor) ने नर्मदा में नालों के पानी को रोकने के प्लान की फाइल पर दस्तखत किए हैं। बतौर मेयर उन्होंने पहली फाइल को मंजूरी दी है। द सूत्र की टीम ने नर्मदा तट पर जाकर देखा कि किस तरह से नालों का पानी नर्मदा में मिल रहा है।
नर्मदा समृद्धि कारिडोर पर लगी रोक
इधर, कांग्रेस (Congress) की ही अल्पकालीन कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Govt.) में नर्मदा के किनारे करीब 8 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाने का ख्वाब दिखाया गया था। इस कॉरिडोर को नर्मदा समृद्धि कॉरिडोर (Narmada Samridhi Corridor) का नाम दिया गया था। कॉरिडोर को पर्यटन के साथ व्यावसायिक रूप में तैयार किया जाना था। इसकी लागत करीब 260 करोड़ रुपए आंकी गई थी। इस कॉरिडोर के निर्माण पर खर्च होने वाली रकम बड़ी होने की वजह से जबलपुर विकास प्राधिकरण ने इसे रोक दिया।
इस तरह मिल रहे नाले
नर्मदा में खंदारी नाला, शाहनाला, परियट और गौर नदी से गंदगी मिल रही है। इसके अलावा ग्वारीघाट में नर्मदा के बड़े तट, दारोगाघाट, खारीघाट में नालों का पानी मिल रहा है। यहां बसी कॉलोनी के सीवेज का पानी भी नर्मदा में मिल रहा है। तिलवाराघाट में शाहनाला, खंदारी नाले का पानी मिल रहा है। इसके अलावा नर्मदा में अन्य नालों का पानी भी मिल रहा है।
अब तक ये प्रयास
नालों के पानी के ट्रीटमेंट और रिसाइकिलिंग के लिए 2012 में दरोगाघाट में 150 केएलडी कैपेसिटी का सीवेज ट्रीटमेंट एंड रिसाइकिलिंग प्लांट (एसटीआरपी) लगाया गया। वर्ष 2017 में यहीं पर 400 केएलडी कैपेसिटी का नया एसटीपी लगाया गया। अब तक कुल 550 केएलडी कुल कैपेसिटी हो गई है।
अब तक खर्च
नालों के पानी को नर्मदा में मिलने से रोकने उनका ट्रीटमेंट और रिसाइकिलिंग करने अब तक तीन महापौर ने कार्य किए।जिसमें एसटीआरपी लगाए गए। पूर्व मेयर सुशीला सिंह के कार्यकाल में 47 लाख पूर्व मेयर प्रभात साहू के कार्यकाल में 50 लाख पूर्व मेयर स्वाति गोडबोले के कार्यकाल में 1 करोड़ 65 लाख रुपए खर्च हुए।
कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला
मां नर्मदा प्रदूषण नियंत्रण विकास समिति के अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा का कहना है कि हमारी समिति पिछले करीब 20 वर्षों से मां नर्मदा जल की स्वच्छता के लिए प्रयास कर रहे हैं। यहां रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां मुख्यघाट से लेकर भटौली तक करीब 10-12 नालों का पानी नर्मदा में मिल रहा है।इस संबंध में कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया लेकिन अभी तक कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला।
नए मेयर से उम्मीद है
मां नर्मदा महाआरती के संस्थापक ओंकार दुबे का कहना है कि बिना सोकपिट बनवाए ब्रम्हश्री कॉलोनी और अन्य कॉलोनी के नक्शे नगर निगम ने पास कर दिए इन कॉलोनियों के सीवेज का पानी नालों से दरोगाघाट में नर्मदा में मिल रहा है।इससे नर्मदा प्रदूषित हो रही हैं। नए मेयर जगत बहादुर सिंह अन्नू से उम्मीद है कि वे नर्मदा में नालों का पानी रोकने के लिए सार्थक प्रयास करेंगे।
हम आशान्वित हैं
साध्वी शिरोमणी का कहना है कि नए मेयर ने शपथ ग्रहण के बाद पहली फाइल नर्मदा में नालों को मिलने से रोकने वाली साइन की है। इससे हम आशान्वित हैं कि अब कुछ बेहतर प्रयास होगा। इसके अलावा यहां यातायात, पार्किंग व्यवस्था भी बेहतर करने प्रयास किया जाना चाहिए।
बच्ची की आवाज सुनें जनप्रतिनिधि
बारह वर्षीय तेजस्वनी चार वर्ष की उम्र से नर्मदा महाआरती के दाैरान लोगों को संकल्प करा रही है कि लोग नर्मदा में गंदगी न डालें। तेजस्वनी का कहना है कि नर्मदा में नाले मिल रहे हैं,नर्मदा प्रदूषित हो रही है लेकिन कोई भी नेता ने उसकी बात नहीं सुनी। यहां फिल्टर प्लांट लगाकर या किसी भी अन्य प्रयोग से नालों के पानी का ट्रीटमेंट करना चाहिए।
प्लांट प्रस्तावित
नगर निगम में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर कमलेश श्रीवास्तव का कहना है कि नर्मदा में नालों का पानी रोकने प्रयास चल रहा है। दरोगाघाट में 550 केएलडी का एसटीआरपी चल रहा है। इससे नाले का पानी ट्रीट करके नर्मदा में चला जाता है। तिलवाराघाट में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अभी लगा है इसे चालू होना है। सिद्धघाट में 100 केएलडी का एसटीपी लगाया जाना प्रस्तावित है। इसका वर्क आर्डर हो गया है। खारीघाट में ब्रह्मश्री कॉलोनी में सीवर लाइन डाली जा रही है। यहां 1 एमएलडी का पंपिंग स्टेशन लगाया जाएगा।जिसमें यहां का पानी पंप करके एसटीपी में ले जाकर ट्रीट किया जायेगा।
ये कहना है नए मेयर का
नए मेयर जगत बहादुर सिंह अन्नू का कहना है कि हमने संकल्प लिया था कि नर्मदा में नालों के पानी को नहीं मिलने देंगे।शपथ लेने के एक घंटे के अंदर फाइल पर दस्तखत करके सबसे पहले अपना संकल्प पूरा किया। हमने तय किया है कि एक वर्ष के अंदर नर्मदा में नालों के पानी को जाने से रोक देंगे या नालों को डायवर्ट कर देंगे, या नालों के पानी को फिल्टर कर देंगे।इसके लिए पूरा प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है।
(जबलपुर से राजीव उपाध्याय और ओपी नेमा की रिपोर्ट)