Bhopal. आदिवासियों को रिझाने सरकार ने एक और कदम उठाया है। अब आदिवासी स्टूडेंट को मिलने वाली आवासीय सहायता की राशि दोगुनी कर दी है। कॉलेजों में पढ़ने वाले ऐसे आदिवासी स्टूडेंट जिन्हें रहने के लिए सरकारी होस्टल नहीं मिल पाते, उनको आवासीय व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए जनजातीय कार्य विभाग आवास सहायता योजना के तहत हर महीने एक निर्धारित राशि उपलब्ध कराता है। दिसंबर 2016 से यह प्रतिमाह भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर एवं उज्जैन संभागीय मुख्यालयों में 2000 रूपये, अन्य जिला मुख्यालयों में रूपये 1250 रूपये तथा तहसील/विकासखण्ड मुख्यालय में 1000 रूपये प्रति विद्यार्थी थी, जिसे अब बढ़ाकर अब भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर एवं उज्जैन संभागीय मुख्यालयों में 4000 रूपये, अन्य जिला मुख्यालयों में रूपये 2500 रूपये तथा तहसील/विकासखण्ड मुख्यालय में 2000 रूपये प्रति विद्यार्थी कर दी गई है। हालांकि निर्धारित आवास सहायता से अधिक किराये की राशि स्टूडेंट को स्वयं वहन करना होगी।
यह होगी पात्रता
स्टूडेंट अनुसूचित जनजाति वर्ग का हो, स्टूडेंट कक्षा 12वीं पास करने के बाद शासकीय एवं मान्यता प्राप्त प्राइवेट कॉलेज या यूनिवर्सिटी के स्नातक/स्नातकोत्तर/समस्त उच्च स्तरीय पाठ्यक्रम में नियमित प्रवेशित हो और जिनका किसी भी शासकीय होस्टल में प्रवेश नहीं हुआ हो, ऐसे स्टूडेंट आवासीय सहायता के पात्र होंगे। स्टूडेंट को आवास सहायता की पात्रता अध्ययनरत संस्था के मुख्यालय के आधार पर न होकर, किराये पर निवास के मुख्यालय के आधार पर होगी। प्रवेशित संस्था और निवास के बीच की दूरी 12 किमी से अधिक होना चाहिए। यदि स्टूडेंट फेल हो गया है, या परीक्षा परिणाम स्थगित हुआ है या अन्य कोई कारण से स्टूडेंट अगली क्लास में प्रमोट नहीं हुआ है तो वह इस योजना के लिए अपात्र माना जाएगा।