Bhopal. देश के 15 वें राष्ट्रपति (President) के लिए होने वाले चुनावों को लेकर प्रदेश की सियासत (politics of mp) में गहमागहमी बढ़ गई है। राजनीतिक खींचतान में सबसे ज्यादा अहम आदिवासी विधायक हो गए हैं। चुनाव में क्रास वोटिंग (cross voting) की आशंका बन गई है तो कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने यह कहकर मामले को गर्मा दिया है कि बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव में भी खरीद फरोख्त कर रही है। कांग्रेस के एक एमएलए को फोन पर एक करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया है। वहीं अपने लिए वोटिंग की अपील करने भोपाल आए विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने यह कह कर सभी को चौंका दिया है कि बीजेपी मुझ से डर गई है। इसलिए खरीद फरोख्त पर उतर आई है। दूसरी तरफ बीजेपी ने आदिवासियों द्वारा दिए गए बढ़ावे का हवाला देते हुए पीसीसी चीफ कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से एनडीए उम्मीदवार मुर्मू को वोट देने की अपील की है।
अब अटलजी वाली बीजेपी नहीं बची- सिन्हा
कांग्रेस विधायकों से अपने लिए वोट मांगने आए विपक्ष के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा ने कांग्रेस विधायक दल से चर्चा की। इसके बाद मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहाकि मेरे उम्मीदवार बनने से बीजेपी घबरा गई है। वह अब विधायकों की खरीद फरोख्त पर उतर आई है। पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने कहाकि मैं जिस बीजेपी का मेंबर था, उसकी बात नहीं कर रहा। उस समय तो एक वोट से सरकार गिर गई थी। आज आप कल्पना कर सकते हैं कि बीजेपी एक वोट से सरकार गिरने देगी? मैं बहुत दुखी हूं कि आज विधायक दल की बैठक में एक विधायक ने बताया कि उसके पास फोन आया था, उससे कहा जा रहा था कि इतने पैसे ले लो और हमारे प्रत्याशी को वोट दे दो। मुझे नहीं पता था कि मैं प्रत्याशी बन जाउंगा तो बीजेपी इतनी हाल-बेहाल हो जाएगी। उन्होंने सेंट्रल विस्टा भवन के लिए बीजेपी सरकार द्वारा बनवाए गए राष्ट्रीय चिंह का हवाला देते हुए कहाकि जिस तरह बीजेपी ने खुले मुंह का शेर बनवाया है, उसी तरह खुले मुंह से सरकार सबको चबा जाएगी। सिन्हा ने पूर्व पीएम वाजपेयी द्वारा अपनी सरकार गिरने के बाद कही गई बात दोहराते हुए कहाकि उस समय अटलजी ने कहा भी था कि मंडी सजी हुई थी, माल भी था और माल बिकाऊ भी था, लेकिन उन्होंने खरीद फरोख्त करना उचित नहीं समझा। आज विधायकों को खरीदा जा रहा है, मैं बहुत दुखी हूं। मेरे उम्मीदवार बनने से बीजेपी घबरा गई है।
कांग्रेस विधायक बोले- मुझे एक करोड़ रुपए का आफर दिया गया
पूर्व सीएम व पीसीसी चीफ कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक में सिन्हा ने कांग्रेस विधायकों से अपने लिए वोट मांगे। इस बैठक में कांग्रेस के एक विधायक ने बताया कि उनके पास बीजेपी नेताओं के फोन आ रहे हैं। उन्होंने आदिवासी वर्ग से होने का हवाला देते हुए एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए फोन पर ही उन्हें बीजेपी नेताओं की ओर से एक करोड़ रुपए का आफर भी दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक उमंग सिंघार के पास इस तरह का फोन आने के संकेत दिए जा रहे हैं।
मरकाम बोले मुझसे मिलने आईं थीं उईके
कांग्रेस विधायक व आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ओंकार सिंह मरकाम ने द सूत्र से चर्चा में कहाकि हमारे सभी आदिवासियों के पास बीजेपी नेता पहुंच रहे हैं। मेरे पास भी पूर्व राज्यसभा सदस्य संपत्तिया उइके के साथ बहुत से बीजेपी नेता आए थे। उन्होंने मुझे भी आदिवासी वर्ग का हवाला देते हुए एनडीए की ओर से राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को वोट देने की अपील की थी। मरकाम का कहना है कि अब किसी जाति वर्ग का कोई मतलब नहीं रह गया है। राष्ट्रपति का चुनाव भी सीधे-सीधे दलगत आधार पर हो गया है। यह बात हमारे आदिवासी विधायक भी जानते हैं, पार्टी की व्हिप का उल्लंघन कोई नहीं करेगा। निगरानी की बात पर विधायक मरकाम ने कहाकि हमें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है, कोई भी क्रास वोटिंग नहीं कर सकेगा।
खरीद फरोख्त पर उतर आई है बीजेपी - नाथ
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहाकि बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव में भी खरीद फरोख्त पर उतर आई है। हमारे एक विधायक को एक करोड़ रुपए का आफर दिया गया है। एक सवाल के जवाब में नाथ ने कहाकि हमारा कोई भी विधायक पार्टी से अलग नहीं जाएगा। हमें अपने विधायकों पर पूरा यकीन है। कहीं कोई क्रास वोटिंग की आशंका नहीं है।
कल आएंगी मूर्मू
एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार 15 जुलाई को भोपाल पहुंचेंगी। बीजेपी उनका आदिवासी थीम पर विमानतल से सीएम हाउस तक स्वागत करेगी। इसके बाद सीएम हाउस में ही वे बीजेपी विधायकों से चर्चा करेंगी। नए राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होना है।
क्रास वोटिंग की आशंका गहराई
दोनों दलों द्वारा अपने-अपने विधायकों पर भरोसा जताया जा रहा है। बावजूद इसके क्रास वोटिंग की आशंका जताई जा रही है। इसकी वजह विधायकों की नाराजगी भी जताई जा रही है। बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिड़ला उपचुनाव के दौरान बीजेपी के मंच पर पहुंच चुके हैं और कांग्रेस से लगातार दूरी बनाए हुए हैं। वहीं बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी कई दिनों से पार्टी के खिलाफ ही माहौल बनाए हुए हैं। वहीं एक निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह डाबर को लेकर भी संशय है।
इतनी है प्रदेश के MP-MLA के वोटों की वेल्यू
देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मध्यप्रदेश के कुल 230 विधायक और 29 सांसद और 11 राज्यसभा सदस्य मतदान करेंगे। प्रत्येक विधायक के वोट की वेल्यू 131 है तो सांसदों के वोट की वेल्यू 700 मानी जाएगी। इस हिसाब से विधायकों के वोट की वेल्यू 30 हजार 130 एवं सांसदों के वोट की वेल्यू 28000 मानी जा रही है। इस तरह मध्यप्रदेश से कुल 58 हजार 130 वोट डाले जाएंगे।