जबलपुर. पुलिस की कस्टडी में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई। जमतरा निवासी आदिवासी युवक (Tribal Youth death in custody) अनिल मरावी (Anil Maravi) को गौर चौकी पुलिस ने आबकारी एक्ट (excise act) में गिरफ्तार किया था। मृतक की पत्नी का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ एक और युवक को गिरफ्तार किया था। लेकिन उसने 10 हजार रुपए दे दिए थे। इसलिए उसे छोड़ दिया था। हमारे पासे पैसे नहीं थे तो पीट-पीटकर उन्हें मारा डाला। वहीं, एडिशनल एसपी (ASP) संजय अग्रवाल ने बताया कि आबकारी एक्ट में युवक को गिरफ्तार किया था। वो शराब (Liquor) का आदी था। मौत के कारण का पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा। अगर परिजन को पुलिस की जांच पर शक है तो पुलिस की जगह दूसरी संस्था इसकी जांच करेगी। मामला जबलपुर (Jabalpur) जिले की गौर चौकी का 9 दिसंबर के दिन का है।
आबकारी एक्ट में गिरफ्तार किया था
ASP के मुताबिक, जबलपुर की जिला जेल में विचाराधीन कैदी की मौत हुई है। वह 5 दिसंबर को शराब के केस में बंद हुआ था। आबकारी एक्ट का मामला लगाया गया था। और उसकी गिरफ्तारी से पहले उसका मेडिकल किया गया था। वो शराब पीने का आदी था। अभी परिजन का कहना है कि गलत केस रजिस्टर्ड किया था इस कारण उसकी मौत हुई है। इस मामले की जांच पुलिस नहीं करेगी। इसलिए जांच में कुछ गलत होने की संभावना नहीं है।
शराब के आदी थे
मृतक की पत्नी रोशनी ने बताया कि पुलिस वाले उन्हें जबरदस्ती पकड़ कर ले गए थे। थोड़ा बहुत वो पीते थे। पुलिस वालों को शराब मिल गई तो ये लोग उठाकर ले आए। इन्होंने मार-मार कर हत्या कर दी। वो शराब के बगैर रह नहीं पाते हैं। फिर भी पुलिस ने उन्हें नहीं छोड़ा। जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश किया था। बुधवार को तबीयत बिगड़ने के कारण जेल प्रशासन ने उसे इलाज के लिए भर्ती कराया था। जिसके बाद गुरूवार को पुलिस वालों ने कहा कि अनिल की मौत हो गई। आप उसका शव ले जाइए।
कांग्रेस के गंभीर आरोप
कांग्रेसी नेता दिनेश यादव (Dinesh Yadav) ने बताया कि 4 दिन पहले युवक को 4 बोतल शराब के साथ गिरफ्तार किया था। जब उसका परिवार पैसा नहीं दे पाया तो उन्होंने उसे 2 दिन थाने में रखा और उसके साथ मारपीट की। बीजेपी की मध्य प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (cm shivraj) मंचों पर आदिवासी हितैषी होने का दावा करते हैं। वहीं, दूसरी तरफ अपनी पुलिस से उन्हें आर्थिक और शारीरिक प्रताड़ना देती है थानों में इतना टॉर्चर किया जाता है कि आदिवासी युवक की मौत हो गई।
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :
द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:
">Facebook | Twitter | Instagram | Youtube