जबलपुर में हैं त्रिपुर सुंदरी, मां को खुश करने के लिए गर्म तेल की कढ़ाई में कूदते थे राजा कर्ण, आशीर्वाद के तौर पर मिलता था सोना

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Atul Tiwari
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जबलपुर में हैं त्रिपुर सुंदरी, मां को खुश करने के लिए गर्म तेल की कढ़ाई में कूदते थे राजा कर्ण, आशीर्वाद के तौर पर मिलता था सोना

JABALPUR. त्रिपुर सुंदरी मंदिर शहर से 13 किमी दूर भेड़ाघाट रोड पर स्थित है। इस मंदिर का  निर्माण 11वीं शताब्दी में कलचुरि राजा कर्ण देव ने कराया था।  इस मंदिर में भक्त मन्नत मांगते वक्त नारियल बांधते हैं। बाद में जब उनकी वो मन्नत पूरी हो जाती है तो वह उस नारियल को खोल देते है। त्रिपुर सुंदरी मंदिर में माता महाकाली,महालक्षमी और सरस्वती की प्रतिमा स्थापित हैं। त्रिपुर का मतलब होता है तीन शहरों का समूह, जबकि सुंदरी का मतलब होता है मनमोहक महिला। इसलिए इस जगह को तीन शहरों की अतिसुंदर देवियों का वास कहा जाता है। त्रिपुर सुंदरी मंदिर तांत्रिक पीठ हुआ करता था। 



इस मंदिर का इतिहास अनोखा है। कलचुरी काल के इस मंदिर में स्थापित मूर्ति को स्वयं से प्रकट माना जाता है। त्रिपुर सुंदरी की यह मूर्ति द्वापर युग की मूर्ति बताई जाती है। 



मंदिर के स्थान पर पहले था किला



1985 के पहले इस जगह पर एक किला होता था। इस किले में एक मूर्ति थी। इस किले के पास एक व्यक्ति रहता था और वो रोज अपनी बकरियां यहां बांधता था। मूर्ति का मुंह पश्चिम दिशा की तरफ था। यहां पर बाद में और लोगों का भी आना-जाना शुरू हुआ। इसके बाद मंदिर का विकास कार्य किया गया। बताया जाता है कि अब भी मंदिर के पास उस व्यक्ति की झोपड़ी मौजूद है। मंदिर में देश के साथ-साथ विदेश के लोग भी मां का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। 



मां का अनन्य भक्त था कर्ण देव



राजा कर्णदेव जो हथियागढ़ के राजा थे, वे देवी के सामने खौलते हुए तेल के कड़ाहे में खुद को समर्पित कर देते थे। फिर मां ने राजा कर्ण को अमृत का सेवन कराकर जीवित किया। मां उनसे खुश होकर आशीर्वाद के रूप में सोना देती थीं। मां त्रिपुर सुंदरी जो सदियों तक तेवर सहित आसपास इलाके में बड़ी खेरमाई या हथियागढ़ वाली खेरदाई के नाम से जानी जाती रही हैं। अब भी यहां के उम्रदराज लोग इसी नाम से संबोधित करते हैं।



सपने में त्रिपुर सुंदरी नाम से पुकारने के दिए थे निर्देश 



बताया जाता है कि जहां पर ये मंदिर बना हुआ है, उस जगह को पहले हथियागढ़ के नाम से जाना जाता था। इस वजह से देवी को हथियागढ़ की मां के रूप में पूजा जाता था। लेकिन एक दिन मां ने सपने में त्रिपुर सुंदरी नाम से पुकारने के निर्देश दिए थे। तब से मां को हर कोई त्रिपुर सुंदरी नाम से पुकारने लगा।



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while Sundari means beautiful woman. Mahalakshmi and Saraswati are installed in the Tripura Sundari temple. Tripur means group of three cities The idols of Mata Mahakali
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