Bhopal. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने 30 मई को अंतिम नतीजे जारी किए। टॉप-3 पर लड़कियां काबिज हैं। श्रुति शर्मा टॉपर रहीं। उज्जैन के ऐश्वर्य वर्मा ने चौथी रैंक हासिल की। गुना के मैकेनिक के बेटे विशाल धाकड़ को 39वीं रैंक मिली। धार की ट्विंकल जैन को 138वीं रैंक मिली। खास बात ये कि ट्विंकल ने बिना कोचिंग के ये कामयाबी हासिल की। इंदौर की अनन्या अवस्थी को 135वीं और भोपाल की लिपि नगाइच ने 140वीं रैंक मिली। जानिए भविष्य के अफसरों की सक्सेस स्टोरी….
1. ऐश्वर्य बोले-पढ़ाई पर रहा फोकस
उज्जैन के महानंदा में रहने वाले ऐश्वर्य वर्मा ने UPSC में चौथी रैंक हासिल की है। ये उनका चौथा अटेंप्ट था। ऐश्वर्य 2017 से दिल्ली में रहकर सिविल सेवा की तैयारी में जुटे थे। पिता विवेक वर्मा बैंक ऑफ बड़ौदा में पोस्टेड हैं। ऐश्वर्य ने गोविंद वल्लभपंत विश्वविद्यालय (पंत नगर, उत्तराखंड) से बीटेक किया। उन्होंने बताया कि कोविड के कारण उज्जैन आकर तैयारी की। फिलहाल वे पिता के पास बरेली में हैं। पढ़ाई के लिए उन्होंने मोबाइल का भी सहारा लिया। उनका कहना है कि कई बार दोस्तों के साथ दिल्ली घूमने भी गए, लेकिन फोकस पढ़ाई पर था। एग्जाम के लिए एकाग्रता के साथ दोस्तों का सपोर्ट जरूरी है।
2. गुना: विशाल के पिता मैकेनिक हैं, सपना डॉक्टर बनने का था
UPSC में 39वीं रैंक हासिल करने वाले गुना के विशाल धाकड़ के पिता मोटर बाइंडिंग की दुकान चलाते हैं। पिछली बार विशाल की 569वी रैंक थी। विशाल डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन उनका सिलेक्शन नहीं हुआ। बाद में तय किया कि सरकारी नौकरी की तैयारी करेंगे। दिल्ली से BA और फिर MA किया। यहीं से UPSC की तैयारी में जुट गए। पहले प्रयास में कामयाबी नहीं मिली। दूसरे प्रयास में रैंक से संतुष्ट नहीं हुए। इस बार उनका तीसरा अटेंप्ट था।
3. भोपाल: 23 साल की लिपि बनेंगी IPS
शिवाजी नगर में रहने वाली लिपि नगाइच ने 140वीं रैंक हासिल की। लिपि 23 साल की उम्र में आईपीएस अफसर बनेंगी। उनके नाना ने बचपन से उसे आईपीएस अफसर बनाने का सपना देखा था। लिपि ने भोपाल में प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन और यूपीएससी की तैयारी की। दूसरे प्रयास में ही सफलता हासिल की। लिपि के पिता डॉ. उमाशंकर नगाइच जवाहर बाल भवन के डिरेक्टर हैं। लिपि की मां नीलिमा ने बताया कि लिपि का जन्म उसके ननिहाल नरसिंहपुर के करेली तहसील के कोसमखेड़ा गांव में हुआ था। जब उसके नाना ने पंडितजी से उसकी कुंडली बनवाई, तो उसमें गृह-नक्षत्रों के आधार पर बताया गया था कि 24 साल की उम्र तक वह उच्च पद पर पहुंचेगी।
4. धार की ट्विंकल ने खुद पढ़ाई की
धार की ट्विंकल जैन ने 138वीं रैंक हासिल की है। ये ट्विंकल का दूसरा अटेंप्ट था। पिता दीपक जैन की इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान है, मां सीमा हाउस वाइफ हैं। ट्विंकल ने बताया कि उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई धार में की। इसके बाद इंदौर के डीएवीवी से बीकॉम ऑनर्स किया। इसी दौरान CA की भी तैयारी शुरू कर दी। दो स्टेज भी क्लीयर कीं, लेकिन बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का सपना था। 2018 में दिल्ली जाकर UPSC की तैयारी शुरू की। हॉस्टल में ग्रुप स्टडी शुरू की। सेल्फ स्टडी पर फोकस किया। ऑनलाइन स्टडी ने भी मदद मिली।
ट्विंकल ने बताया कि सुबह की शुरुआत नाश्ते के साथ नया कुछ पढ़ने की ओर होता था। इसके बाद 4 बजे तक पढ़ाई करती थी। एक घंटे के ब्रेक के बाद रिवीजन होता था। स्पोर्ट्स से माइंड को रिलेक्स करती थी। ट्विंकल की मां सीमा बताती हैं कि जब ट्विंकल 6 साल की थी, तब वह धार के कलेक्टर से मिली थी, तब से ही उसने कलेक्टर बनने का सपना देख लिया था। बचपन में जब परिवार के लोग बच्ची से पूछते थे कि बड़े होकर क्या बनना है, तो बेटी का कहना होता था कि इंदौर कलेक्टर बनना है।
5. इंदौर: अनन्या ने चौथे प्रयास में पाई सफलता
UPSC सिविल सर्विसेस में इंदौर से अनन्या अवस्थी की 135वीं रैंक आई है। अनन्या ने स्कूली शिक्षा सत्य सांई विद्या विहार से पूरी की। 2019 में अनन्या की 335वीं रैंक थी। वह रिटायर्ड आईएएस आशुतोष अवस्थी की बेटी हैं। अनन्या को इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विसेज मिला था। वह लखनऊ के भारतीय रेल प्रबंध संस्थान में ट्रेनिंग ले रही हैं। अनन्या का कहना है कि मेहनत के साथ ही परिवार के सहयोग से यहां तक पहुंची हैं।
6. दतिया: मृदुल ने पहले प्रयास में पाई सफलता
दतिया के बुंदेला कॉलोनी के रहने वाले मृदुल शिवहरे को 247वीं रैंक मिली। मृदुल के पिता पेशे से टीचर हैं। शुरुआती एजुकेशन दतिया में हुई। इसके बाद इंदौर के अरिहंत कॉलेज से इंजीनियरिंग की। मृदुल स्टेट लेवल पर क्रिकेट भी खेल चुके हैं। वे रोज 16 से 17 घंटे पढ़ाई करते थे।
7. अनूपपुर: श्रेया की UPSC में 71वीं रैंक
अनूपपुर की श्रेया चौधरी ने 71वीं रैंक हासिल की है। पिता दिनेश चौधरी इंडियन बैंक में असिस्टेंट मैनेजर हैं। श्रेया ने दूसरी बार में ये सफलता पाई है। श्रेया ने बताया कि उनकी 10वीं-12वीं की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय सिंगरौली से हुई। उन्होंने आईआईटी कानपुर से यूजी व पीजी की पढ़ाई की है। इसी दौरान सिविल सेवा में जाने का फैसला किया। श्रेया ने बताया कि लक्ष्य दूरदर्शी रखना होगा। सोशल मीडिया से भी दूरी बनानी होगी, तब जाकर लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। श्रेया कविता भी लिखती हैं।
8. खंडवा: कार्तिकेय जायसवाल को मिली 35वीं रैंक
कार्तिकेयन खंडवा से पहले आईएएस बने हैं। उन्होंने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। बगैर कोचिंग के सफलता हासिल करने वाले कार्तिकेय ने रोजाना 15 से 18 घंटे पढ़ाई की। पिता आशीष जायसवाल बिजनेसमैन और मां मनीषा गृहिणी हैं। कार्तिकेयन 10वीं तक खंडवा में ही पढ़े हैं। रिजल्ट से पहले फाइनल इंटरव्यू में उनसे कई सवाल पूछे गए, जिसमें किशोर कुमार से संबंधित सवाल भी पूछा गया।