भोपाल में उमा भारती ने मीडिया के सामने पेश किया रिपोर्ट कार्ड, सीएम शिवराज को मार्च तक का दिया अल्टीमेटम

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Shivasheesh Tiwari
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भोपाल में उमा भारती ने मीडिया के सामने पेश किया रिपोर्ट कार्ड, सीएम शिवराज को मार्च तक का दिया अल्टीमेटम

BHOPAL. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मीडिया के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश किया। ये रिपोर्ट कार्ड शराबबंदी की मुहिम को लेकर था। उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शराबबंदी को लेकर नया अल्टीमेटम दे दिया है। उमा भारती ने साफ संकेत दे दिए  है कि यदि सरकार 2022.23 की शराब नीति में उनके बिंदुओं को शामिल नहीं करती है तो वो मोर्चा खोलने से नहीं चूकेंगी। वित्तीय वर्ष के आखिर में नई शराब नीति का ऐलान होता है, यानी मार्च में उमा भारती मोर्चा खोलने से नहीं चूकने वाली हैं। गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर से उमा भारती बेहद छोटे स्तर पर अपने शराबबंदी अभियान की शुरूआत करने जा रही है। 



उमा ने शराबबंदी पर पेश किया रिपोर्ट कार्ड

 

उमा भारती ने अब तक जो कुछ शराबबंदी के लिए किया है,उसका सिलसिलेवार ब्यौरा पेश किया। उमा ने इसे अपना रिपोर्ट कार्ड बताया। कुछ दिनों के मौन पर भी उन्होंने स्पष्टीकरण दिया। शराबबंदी की मांग को लेकर उमा भारती ने लगातार मुहिम छेड़ी हुई है। कई बार आंदोलन की चेतावनी देने के बाद उमा भारती कभी तैश में आई, शराब दुकान पर पत्थर फेंका तो कभी शराब दुकान के बाहर धरना दिया। कभी दुकान पर गोबर फेंका। बावजूद इसके सरकार ने नई शराब नीति में शराब सस्ती कर दी। उमा अपने आंदोलन से पीछे नहीं हटी हैं। 2 अक्टूबर से उमा भारती शराबबंदी को लेकर अपना अभियान शुरू करेंगी। इसी दिन सीएम शिवराज भी कार्यक्रम करने वाले हैं और उमा भारती उसमें भी शामिल होंगी।  



शराबबंदी पर सब कुछ जुबानी



उमा भारती भारती की शराबबंदी की मुहिम का सरकार समर्थन तो करती है लेकिन ये समर्थन केवल जुबानी है  शराब की बिक्री के आंकड़े तो बयां करते हैं कि मप्र में शराब की खपत में इजाफा हुआ है और इसी तरह से सरकार के राजस्व में भी। शराबबंदी कोई सॉल्यूशन नहीं है ये बात दस बार सीएम शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं। लेकिन उमा तो पूर्ण शराबबंदी से कमतर कुछ चाहती नहीं है,हालांकि उमा अब कहने लगी है कि पूर्ण शराबबंदी करना आसान नहीं है। अगला साल चुनावी साल है और उमा ने ऑन रिकार्ड भले ही कहा कि उनके सुझाए बिंदुओं को नई नीति में शामिल किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो चुनावी साल में जो घमासान मचेगा वो बीजेपी के लिए तो मुश्किल का सबब ही बनेगा। यानी शराब का मुद्दा चुनावी साल में एक बड़ा मुद्दा बनने वाला है इसमें कोई दो राय नहीं है



प्रदेश सरकार में जातिय-क्षेत्रीय असंतुलन

 

उमा भारती ने कहा कि इस समय राजनीति में भी क्षेत्रीय और जातीय संतुलन का बेहद अभाव है। सागर,ग्वालियर और रीवा संभाग में मंत्रियों की संख्या और जाति को देखा जाए तो ये असंतुलन साफ नजर आता है। उमा की बात की पड़ताल करते हैं तो बात बिलकुल सही है। मप्र की कैबिनेट में देखें तो ग्वालियर.चंबल अंचल से 9 मंत्री कैबिनेट में है। बुंदेलखंड रीजन से चार मंत्री आते हैं। मालवा.निमाड़ इलाके से भी 9 मंत्री आते हैं। वहीं महाकौशल और मध्य क्षेत्र से 3-.3 मंत्री है और विंध्य से केवल एक मंत्री है। मप्र की कैबिनेट में 4 पद खाली है। ऐसे में उमा ने क्षेत्रीय और जातीय संतुलन की बात छेड़ कर ये तो बता दिया है कि बीजेपी को चुनाव में किन मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।



किस अंचल से कितने मंत्री



ग्वालियर-चंबल




  • नरोत्तम मिश्रा.


  • यशोधरा राजे सिंधिया .

  • महेंद्र सिंह सिसोदिया.

  • प्रद्युम्न सिंह तोमर . 

  • अरविंद भदौरिया . 

  • बृजेंद्र सिंह यादव . 

  • सुरेश धाकड़ . 

  • ओपीएस भदौरिया . 

  • भारत सिंह कुशवाह . 



  • बुंदेलखंड




    • गोपाल भार्गव . 


  • भूपेंद्र सिंह .

  • गोविंद सिंह राजपूत .

  • बृजेंद्र प्रताप सिंह .



  • निमाड़




    • विजय शाह .


  • प्रेमसिंह पटेल .



  • मालवा




    •  जगदीश देवड़ा .


  • ओमप्रकाश सकलेचा .

  • उषा ठाकुर . 

  • मोहन यादव .

  • हरदीप सिंह डंग .

  • राजवर्धन सिंह दत्तीगांव .

  • इंदर सिंह परमार . 



  • महाकौशल




    •  बिसाहूलाल सिंह. 


  • मीना सिंह . 

  • रामकिशोर कांवरे .



  • मध्य अंचल 




    •  कमल पटेल.


  • विश्वास सारंग.

  • डॉ प्रभुराम चौधरी . 



  • विंध्य अंचल




    • रामखेलावन पटेल .

       



    मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग Uma Bharti presented report card Uma Bharti ultimatum to CM Shivraj Singh Chouhan demanding prohibition in Madhya Pradesh उमा भारती ने रिपोर्ट कार्ड पेश किया उमा भारती का सीएम शिवराज सिंह चौहान को अल्टीमेटम