राजर्षि मिश्रा, Umaria. मध्यप्रदेश के उमरिया (Umaria) जिले की गिनती अति पिछड़े जिलों में होती है। ये पूरा इलाका आदिवासी बाहुल्य (tribal dominated) है। जिस दौर में इंटरनेट की धूम हो उस दौर में ये क्षेत्र सड़क सहित तमाम मूलभूत सुविधाओं (basic amenities) के लिए तरस रहा है। जिले के ग्राम चंदवार में युवकों की शादी नहीं हो रही है क्योंकि गांव में न तो बिजली की व्यवस्था है, न ही सड़क, पानी, आवास, शिक्षा और शौचालय की सुविधा।
ग्रामीणों की समस्याएं
मानपुर जनपद के ग्राम पंचायत चंदवार में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। सरपंच और सचिव को भी इस बात की जानकारी है। लेकिन उनके द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। गांव वालों के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीणों को आवास की सुविधा दी जा सकती है। लेकिन योजना का सही से क्रियान्वयन नहीं होने के कारण ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गांव में बिजली के ट्रांसफॉर्मर को खराब हुए कई महीने हो चुके हैं लेकिन बिजली विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जबकि इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से तक की जा चुकी है। जिला पंचायत सीईओ (Panchayat CEO) उमरिया इला तिवारी (Ila Tiwari) का कहना है कि गांव की प्राथमिक सुविधाओं की कमियों की जांच की जाएगी। इसके बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।
साल 2023 तक करना है रखरखाव
स्टेट हाइवे-11 से चंदवार तक मनाई गई प्रधानमंत्री सड़क के रखरखाव का समय 11 जुलाई 2023 तक है, लेकिन ठेकेदार ने इस सड़क की मरम्मत के लिए पहल नहीं की है। परिणाम स्वरूप स्टेट हाइवे से लेकर चंदवार गांव तक ये सड़क बदहाल दिखाई देती है। संभवत ये बदहाली विभाग के अधिकारियों को दिखाई नहीं पड़ रही है, परिणाम स्वरूप ठेकेदार भी कोई सुधार का काम नहीं कर रहा है। 10 साल का रखरखाव इस सड़क के निर्माण के बाद इसके रखरखाव के लिए 11.6 लाख की लागत तय की गई है। इस सड़क का निर्माण 12 जुलाई 2018 को प्रारंभ हुआ था। इस सड़क के निर्माण के साथ 2023 तक रखरखाव के कार्य का दायित्व ठेकेदार का था और उसके पश्चात 10 वर्षों के रखरखाव की लागत अलग से तय की गई है।