Jabalpur. मुंह में मसालों का एग्जॉटिक फ्लेवर लाने वाला इडली डोसा हो या फिर उत्तर भारत की मशहूर दाल मखनी। काले रंग की उड़द दाल ऐसी कई डिश को बनाने में मुख्य घटक होती है। ऐसे में जबलपुर की उड़द दाल के इन दिनों देश भर में काफी चर्चे हैं। खासकर दक्षिण भारत के व्यापारी जबलपुर की कृषि उपज मण्डी में डेरा जमाए हुए हैं और यहां होने वाली उड़द की खरीदी का 60 से 70 फीसद हिस्सा उनके द्वारा ही खरीदा जा रहा है। डिमांड ज्यादा होने के चलते किसानों को भी उड़द का अच्छा खासा भाव मिल रहा है। जिससे वे भी काफी खुश हैं।
दक्षिण के राज्यों में नाम से बिकती है जबलपुर की उड़द
जायद फसल के तौर पर भी ली जाने वाली उड़द और मूंग की इस साल जिले में अच्छी पैदावार हुई है। जिले में करीब 80 हजार हेक्टेयर में मूंग-उड़द की जायद फसल ली जाती है। बीते साल मौसम खराब था लेकिन इस साल पड़ी भरपूर गर्मी के चलते बंपर उपज हुई है। लेकिन दक्षिण में जबलपुर की उड़द की डिमाण्ड होने के चलते इसके दाम मण्डी में 5,800 रुपए से लेकर 6,700 रुपए क्विंटल चल रहे हैं। वहीं मूंग के दाम 5,800 से 6,200 रुपए प्रति क्विंटल हैं। उड़द के दामों में उछाल की वजह दक्षिण भारतीय व्यापारियों की रूचि है।
खमीर के लिए अच्छी है जबलपुर की दाल
दक्षिण भारत के व्यापारियों से जब इस संबंध में बात की गई तो उनका यही कहना था कि अव्वल तो अच्छी गुणवत्ता की दाल होने के कारण इसकी मांग ज्यादा है। वहीं यहां की दाल के आटे से खमीर अच्छा उठता है जो इडली और डोसे के लिए काफी अच्छा होता है। वहीं दूसरे इलाकों की उड़द इस मामले में जबलपुर की उड़द के मुकाबले उन्नीस साबित होती है।