VIDISHA: ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन चलाने वालों को परमिट फीस से मुक्ति, परिवहन नीति में पायलट प्रोजेक्ट को सफल बनाने दी सुविधा

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The Sootr CG
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VIDISHA: ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन चलाने वालों को परमिट फीस से मुक्ति, परिवहन नीति में पायलट प्रोजेक्ट को सफल बनाने दी सुविधा

VIDISHA. विदिशा के ग्रामीण क्षेत्रों में यात्री वाहनों का संचालन करने वाले ऑपरेटरों को अब परमिट के लिए आवेदन करने की भी फीस नहीं लगेगी। राज्य सरकार ने ग्रामीण परिवहन नीति 2022 (Rural Transport Policy 2022) के पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) को सफल बनाने के लिए यह फैसला लिया है। इस संबंध में परिवहन विभाग (Transport Department) ने नोटिफिकेशन भी जारी किया है। 



1500 रुपए की फीस हुई माफ



दरअसल सीएम (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के क्षेत्र में शुरू हुए इस पायलट प्रोजेक्ट में निजी यात्री वाहन स्वामी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उन्हें आकर्षित करने के लिए राज्य सरकार पहले ही मोटर व्हीकल टैक्स में सौ प्रतिशत की छूट देने के साथ हर माह एक निर्धारित राशि देने के आदेश जारी कर चुकी है। इसके बावजूद अब तक ग्रामीण परिवहन नीति में स्थानीय यात्री वाहन स्वामियों ने उत्साह नहीं दिखाया। अब सरकार ने ग्रामीण परिवहन के परमिट के आवेदन पर लगने वाली 1500 रुपए की फीस भी माफ कर दी है। परिवहन महकमे को उम्मीद है कि शायद इससे यात्री वाहन स्वामी रुचि दिखाएंगे। विदिशा का पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद ही इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा सकेगा। यदि ये प्रोजेक्ट फेल होता है तो सरकार ग्रामीण परिवहन नीति पर एक बार फिर सवाल खड़े होने लगेंगे। 



उल्लेखनीय है कि ग्रामीण परिवहन नीति में 7 से लेकर 20 सीटर वाहनों को शामिल किया गया है। इन वाहनों के ऑपरेटरों को राज्य सरकार हर माह एक निर्धारित राशि देगी। इसके अलावा यात्री वाहनों पर लगने वाले मोटर व्हीकल टैक्स से इन ऑपरेटरों को मुक्त रखा गया है।



546 गांव को होगा लाभ



ग्रामीण क्षेत्र में मारुति वैन, टाटा मैजिक, बड़े ऑटो, जैसे वाहन ऑपरेटरों को भी सरकार सुविधा देगी। मध्य प्रदेश का एकमात्र जिला ग्रामीण परिवहन सेवा का मॉडल बनेगा। विदिशा जिले के 76 ग्रामीण मार्गों को चुना गया है, जहां कोई परिवहन सेवा उपलब्ध नहीं है। इस परिवहन सेवा से 15 से 13 किलोमीटर दूरी के मार्गों से जिले के 546 गांव के चार लाख से अधिक ग्रामीण लाभान्वित होंगे। 



9 साल में 6 बार बन चुकी है पॉलिसी



मप्र सड़क परिवहन निगम (MP Road Transport Corporation) बंद होने के बाद से गांवों में परिवहन सुविधा ठप-सी पड़ी है। इसे लेकर ग्रामीण मांग उठाते रहते हैं। सरकार ने गांवों में निजी यात्री वाहन चलाने का काफी प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो पा रही है। तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी एंटोनी डिसा ने सबसे पहले सीएम ग्रामीण परिवहन नीति बनाई थी। उसके बाद से पांच बार इस नीति में बदलाव किया गया। लेकिन इसमें निजी यात्री वाहन स्वामियों ने कोई रुचि नहीं दिखाई। पचमढ़ी में मंत्रियों से मंथन करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में नई ग्रामीण परिवहन नीति लागू करने की घोषणा की थी। उसके बाद इसे पॉयलेट प्रोजेक्ट के तौर पर मुख्यमंत्री के विदिशा जिले में इसे शुरु भी कर दिया गया, लेकिन अब तक ये नीति सफल होती नहीं दिख रही है।

 


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