/sootr/media/post_banners/84386da99c649ba4d69daa4e12b3ccadc3f79ff2afa3cc45fd2f5c43acf92302.jpeg)
Jabalpur. जबलपुर पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शहीद राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह के प्रतिमा स्थल पहुंचकर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल, सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश के तमाम आला नेता मौजूद रहे। माल्यार्पण के पश्चात वेटरनरी ग्राउंड में आयोजित बलिदान दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति ने जनजातीय नायकों के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि पिता-पुत्र का बलिदान दुनिया में अमर हो गया है। उन्होंने वीरांगना रानी दुर्गावती की वीरता का भी जिक्र किया साथ ही वे जनजातियों के उत्थान के साथ-साथ जनजातीय वर्ग से ताल्लुक रखने वाली राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के बारे में भी बोले। इधर राज्यपाल मंगूभाई पटेेल ने भी जनजातीय नायकों शंकरशाह रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर कहा कि बलिदान को नमन करना हमारी परंपरा रही है।
सीएम शिवराज ने की अनेक घोषणाएं
बलिदान दिवस पर आयोजित समारोह में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शंकरशाह-रघुनाथ शाह के बलिदान को और भी प्रतिष्ठापूर्ण बनाने के लिए छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी का नाम राजा शंकरशाह के नाम पर करने का ऐलान किया। इसके अलावा 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती पर प्रदेश में अवकाश का ऐलान किया। साथ ही जनजातीय वर्ग के उत्थान संबंधी अनेक घोषणाएं भी कीं।
इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मानस भवन में आयोजित जस्टिस जे एस वर्मा स्मृति व्याख्यानमाला में शिकरत की। उन्होंने यहां कहा कि जस्टिस जे एस वर्मा ने अपने फैसलों के जरिए न्याय के सिद्धांतों का पुनर्प्रतिपादन किया। उन्होंने इस दौरान विशाखा गाइडलाइन, निर्भया कांड समेत अनेक मुद्दों पर भी अपनी राय रखी। इस गरिमामयि कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी शिरकत की और अपने उद्बोधनों में जस्टिस जेएस वर्मा के कार्यों का बखान किया।
सोसायटी को मंथन की आवश्यकता
इससे पहले कार्यक्रम में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ ने अपने उद्बोधन में कहा कि विशाखा केस के चलते जो कानून में संशोधन हुआ उसका मूल कारण जस्टिस वर्मा के निर्णय और सुनवाई में की गई टिप्पणियां हैं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति सम्मान और नजरिए को बदलने समाज को आत्ममंथन की आवश्यकता है।