Sidhi.ग्रेनाइड खदान संचालन में नियमों की अनदेखी, जिम्मेदारों पर उठ रहे सवाल

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Brijesh Pathak
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Sidhi.ग्रेनाइड खदान संचालन में नियमों की अनदेखी, जिम्मेदारों पर उठ रहे सवाल

Sidhi.एक तरफ जहां किसी भी प्रकार की खदान संचालन के लिए नियम व शर्तें बनाई गई  हैं जिन्हें पालन करते हुए खदानों का संचालन करना चाहिए लेकिन  जनपद मझौली के ग्राम नेबूहा के दुर्जन टोला में संचालित ग्रेनाइड की खदान में नियमो को ठेंगा दिखाते हुए खदान संचालित है l खदान संचालन में पर्यावरण, सुरक्षा, प्रदूषण की अनदेखी के बाद भी अधिकारयों की रहस्यमय चुप्पी संदेहास्पद लग रही है l 





खदान के ठीक पास आदिवासियों की बस्ती 





दुर्जन टोला वही मोहल्ला है जहां सभी आदिवासी वर्ग के मजदूर तबके के परिवार निवासरत हैं जहां पिछले वर्ष ओपन गोदाम का निर्माण कराने के लिए कई आदिवासी परिवारों को जो पीढ़ियों से वहां निवास कर रहे थे, उन्हें प्रशासन और पुलिस द्वारा बेदखल कर दिया गया I अब उसी क्षेत्र में "सिद्धिदात्री प्राइवेट लिमिटेड कंपनी" के नाम से ग्रेनाइड खदान का संचालन किया जा रहा है जो निवासरत आदिवासियों के ऊपर कहर ढाने से कम नहीं है l  कारण यह कि दिन रात प्रदूषण और भारी वाहनों का कोलाहल इसके साथ ही ब्लास्टिंग से बूढ़े से लेकर बच्चे तक दहशत में रहते हैं।





सुरक्षा के नहीं हैं इंतजाम  





 खदान संचालन में सबसे प्रमुख शर्तों में जान माल की सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल या तार की फेंसिंग जरूरी होती है लेकिन यहां सुरक्षा के नाम पर कुछ व्यवस्था नहीं है यहां ओपन खदान संचालित है। ओपन खदान में कब कौन दुर्घटना हो जाये इसकी कोई गारंटी नहीं है l 





क्या हैं नियम एवं शर्तें





  जानकारों की मानें तो किसी भी खदान संचालन में शर्त रहती है कि बसाहट एवं मुख्य मार्ग  से 500 मीटर की दूरी होना चाहिए। टाइगर रिजर्व एरिया की सीमा से 10 किलोमीटर के बाहर होना चाहिए। खदान संचालन के पहले सूचना पटल लगाया जाना चाहिए जिसमें फर्म का नाम, निर्धारित रकवा, फर्म का उद्देश्य जैसे प्रमुख जानकारी लिखी होनी चाहिए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे खदान में काम करने वाले श्रमिकों का सुरक्षा बीमा एवं सुरक्षा पोशाक देने की जिम्मेदारी फर्म मालिक की होती है l  इन सब नियमों के बावजूद उपरोक्त खदान इनका पालन किए बिना ही धड़ल्ले से संचालित है जबकि 50 मीटर की दूरी पर बसाहट है, वहीं लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर टाइगर रिजर्व की सीमा लग जाती है l  सूचना पटल भी नहीं लगा है और ना ही कार्यरत मजदूरों के सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था है फिर भी खदान का संचालन जारी रहना कई तरह के सवाल खड़ा करता है?





कलेक्टर बोले, कार्रवाई होगी





 वन परिक्षेत्र अधिकारी वस्तुआ संजय टाइगर रिजर्व सीधी महावीर पांडे कहते हैं कि हमारे संज्ञान में आपने जानकारी दी है तो निश्चित तौर पर उसकी तहकीकात की जाएगी l फिलहाल राजस्व ग्राम में खदान संचालित है जहां से पहले टाइगर रिजर्व का बफर जोन चालू होता है फिर कोर जोन का क्षेत्र आता है अगर नियम होगा तो उसका पालन होना चाहिए। वी के पटेल तहसीलदार मझौली कहते हैं कि पूर्व में ही एन ओ सी दी गई होगी जिसकी जानकारी मुझे नहीं है l अगर नियमों के विपरीत खदान संचालित है तो उसमे कार्यवाही की जाएगी। दूसरी ओर कलेक्टर मुजीबुर्रहमान खान ने कहा कि ग्रेनाइड खदान नियम विरूद्ध चल रही इसकी जानकारी मीडिया से मिल रही है,  जांच कराएंगे और दोषी के खिलाफ  कार्रवाही की जाएगी l



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