GWALIOR News. जिले में किसानों की माँग पर खरीफ फसल की धान की रोपनी हेतु हरसी बाँध से निकलने वाली हरसी नहर पुरानी एवं हरसी उच्च स्तरीय नहर दोनों से ही लगभग 200 – 200 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के निर्देश पर जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों को धान की रोपनी हेतु पानी दिया गया है। पानी छोड़ने से पहले नहरों के आसपास के गाँव मे मुनादी कराके लोगो को अलर्ट भी किया गया ताकि किसी आपदा से बचा जा सके।
कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग राजेश चतुर्वेदी ने बताया कि हरसी उच्च स्तरीय नहर एवं हरसी नहर पुरानी से किसानों को पानी प्रदान किया जा रहा है। डबरा एवं भितरवार के कमाण्ड क्षेत्र में आने वाले किसानों की माँग पर जल संसाधन विभाग द्वारा सिंचाई हेतु पानी प्रदान किया गया है। इससे लगभग 100 गाँव के लोग लाभान्वित होंगे। डबरा एवं भितरवार क्षेत्र में लगभग 35 से 40 हजार हैक्टेयर रकबे में धान की रोपनी की जाती है। हरसी डैम से पानी छोड़ने के समय जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री के साथ-साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे। किसानों की माँग पर पानी छोड़े जाने से किसानों ने जिला प्रशासन के प्रति धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।
एशिया का सबसे पुरानी है यह बांध
हरसी बांध मिट्टी से बना देश का सबसे पुराना बांध माना जाता है। इसे सिंधिया महाराजाओं ने बनवाया था । तब से यह बांध अंचल के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मुहैया करा रहा है। इस अंचल में धान की फसल खूब होती है जिसे अधिक पानी की जरूरत रहती है।