MP : लॉकडाउन में कम शराब क्यों पिलाई ? आबकारी विभाग ने होटल, बार और रेस्त्रां संचालकों को थमाए लाखों रुपए के नोटिस, विरोध शुरू

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
MP : लॉकडाउन में कम शराब क्यों पिलाई ? आबकारी विभाग ने होटल, बार और रेस्त्रां संचालकों को थमाए लाखों रुपए के नोटिस, विरोध शुरू

संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश की शराब नीति पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार सरकार पर हमला बोल रही हैं। वहीं अब आबकारी अधिकारियों के एक और फैसले ने इस नीति को कठघरे में खड़ा कर दिया है। बीते दो दिनों में आबकारी विभाग इंदौर ने होटल, बार, रेस्त्रां संचालकों को बार लाइसेंस की शर्त मिनिमम गारंटी का पालन नहीं करने के एवज में लाखों रुपए के पेनल्टी नोटिस जारी कर दिए हैं और 10 दिन में भरने के आदेश दिए गए हैं।



पहले लॉकडाउन के वक्त के नोटिस



आश्चर्यजनक बात ये है कि ये नोटिस 1 अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 के दौरान जब पूरे देश में पहला लॉकडाउन लगा था और कोरोना की पहली लहर थी और सबकुछ बंद था, उस वक्त के हैं। ये भी मजे की बात है कि सरकार ने इन लॉकडाउन अवधि के दौरान की बार लाइसेंस फीस माफ कर दी है, लेकिन इसी अनुपात में शराब खपत की मिनिमम गारंटी की सीमा में कमी नहीं की है। शराब खपत पूरे साल भर के कोटे के बराबर ही होना चाहिए, इसी नियम के आधार पर कोटे से कम शराब खपत पर ये नोटिस जारी कर दिए गए हैं।



इस तरह लगाई गई है पेनल्टी



द सूत्र के मौजूद नोटिस की कॉपी के आधार पर एक होटल बार लाइसेंसधारक को साल 2020-21 के दौरान साल भर में 2 हजार 320 स्प्रिट प्रूफ लीटर का और 10 हजार 771 बीयर बल्क लीटर के खपत का टारगेट था। ये उसकी खपत की मिनिमम गारंटी थी। लेकिन कोरोना लॉकडाउन के चलते होटल बार बंद होने से वे 31 मार्च 2021 तक केवल 705 लीटर स्प्रिट और 3 हजार 300 लीटर बीयर ही ग्राहकों को बेच सका। इसके चलते कम उठाई गई 1 हजार 614 स्प्रिट के लिए प्रति लीटर 100 रुपए के हिसाब से 1.61 लाख रुपए और कम उठाई गई 7 हजार 470 लीटर बीयर के लिए प्रति लीटर 20 रुपए के मान से 1.49 लाख रुपए की इस तरह तीन लाख से ज्यादा की पेनल्टी लगाई गई है।



शराब खपत रोकने की जगह ज्यादा शराब परोसने पर मजबूर करती है नीति



शराब के बार लाइसेंस, आबकारी नीति की मिनिमम गारंटी की ये शर्त प्रदेश में शराब खपत पर नियंत्रण की जगह बढ़ोतरी वाली है। हर बार लाइसेंस के समय ये गारंटी सीमा बढ़ जाती है। यदि कोई भी लाइसेंसधारक इस गारंटी से कम शराब की खपत करता है तो उसे बाकी बची खपत के लिए इसी नियम से पेनल्टी लगाई जाती है।



होटल और रेस्त्रां एसोसिएशन का विरोध



होटल और रेस्त्रां एसोसिएशन ने बैठक करके इसका विरोध शुरू कर दिया है। संस्था अध्यक्ष सुमित सूरी कहते हैं कि ये नियम अजीब है, खासकर ऐसे समय जब शासन ने ही लॉकडाउन के समय लाइसेंस फीस में छूट दी है। होटल और बार बंद थे तब कोई भी मिनिमम गारंटी का पालन कैसे कर सकता है ? इस नियम का तो हम शुरू से ही विरोध करते रहे हैं। अधिकारियों को इसकी जानकारी दी है और इसे निरस्त करने की मांग की है।


MP News Madhya Pradesh मध्यप्रदेश Indore News MP इंदौर Indore कोरोना लॉकडाउन मध्यप्रदेश की खबरें इंदौर की खबरें Bar Liquor Policy शराब नीति Liquor license minimum guarantee rule drinking less alcohol corona lockdown शराब लाइसेंस मिनिमम गारंटी नियम