MP: CM सहित 180 विधायक हैं किसान, मजदूरों से कम हुई किसानों की आमदनी; खेतिहर मजदूर बनने को मजबूर बड़े किसान, कब दोगुनी होगी आय

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MP: CM सहित 180 विधायक हैं किसान, मजदूरों से कम हुई किसानों की आमदनी; खेतिहर मजदूर बनने को मजबूर बड़े किसान, कब दोगुनी होगी आय

BHOPAL. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) और केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी होने का दावा करती हैं। इसके बाद भी किसानों की माली हालत दिनों दिन खराब हो रही है। जिन किसानों के दम पर प्रदेश ने सात बार कृषि कर्मण अवार्ड (Krishi Karman Award) जीता है उन किसानों की आमदनी ही मजदूरों से कम है। यानी रोजाना मजदूर जितना कमाते हैं किसानों की आय उससे कम है। इस आय का आंकड़ा केंद्र सरकार की रिपोर्ट में ही सामने आया है। यही कारण है कि प्रदेश के छोटे किसान खेतिहर मजदूर (Agricultural Laborer) बनते जा रहे हैं। खेतिहर मजदूरों की आय छोटे किसानों से कहीं ज्यादा है। मध्यप्रदेश में कुल किसानों (farmers) में 80 फीसदी छोटे किसान ही हैं जिनके पास पांच एकड़ या एक से तीन हेक्टेयर जमीन है। हैरानी की बात ये भी है कि मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 में से 180 विधायकों का व्यवसाय कृषि है। पीएम नरेंद्र मोदी ने 2016 में आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) तक किसानों की आय दोगुनी करने का दावा किया था। 



ये हैं किसानों के हालात



केंद्रीय कृषि मंत्रालय (Union Ministry of Agriculture) की हालिया रिपोर्ट ने किसानों की आमदनी बताई है। मध्यप्रदेश में एक किसान परिवार की औसत मासिक आय 8339 रुपए है। यानी रोजाना की कमाई 277 रुपए है। एक किसान परिवार में चार से पांच लोग होते हैं जिनको इस कमाई से दो जून की रोटी मिलती है। ये कमाई सीमांत यानी छोटे किसानों की है। प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा किसान हैं जिनमें से 75 लाख से ज्यादा सीमांत कृषक हैं। जिन किसानों के पास एक हेक्टेयर से कम जमीन है उनकी संख्या 48 लाख है। जिन किसानों के पास एक से दो हेक्टेयर जमीन है उनकी संख्या 27 लाख है। 



ये है मजदूरों की कमाई 



सरकार के ई श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) के आंकड़ों में दर्ज प्रदेश में मजदूरों की संख्या 1 करोड़ 63 लाख है। एक मजदूर की रोजाना की मजदूरी 304 रुपए है। मनरेगा में मजदूरी 204 रुपए है। खेतिहर मजदूरों की रोजाना की आमदनी की सरकारी दर 377 से 437 रुपए है। यही कारण है कि अपनी आजीविका के लिए छोटे किसान खेतिहर मजदूर बनते जा रहे हैं। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2018-19 में 57.2 फीसदी खेतिहर मजदूर थे जो साल 2019—20 में 58.4 फीसदी हो गए। यानी खेतों में काम करने वाले मजदूरों की संख्या 1.2 फीसदी बढ़ गई। मतलब साफ है कि छोटे किसान अपने परिवार का पेट भरने के लिए दूसरों के खेतों में काम करने लगे। 



इस तरह समझें किसान की आमदनी



किसान परिवार में चार से पांच लोग होते हैं जो सीधे तौर पर उसी कृषि कार्य में जुटे रहते हैं। इस तरह किसान परिवार की 8339 रुपए महीने की कमाई के आधार पर एक सदस्य की आमदनी करीब 1600 रुपए महीने हुई। जबकि मजदूर परिवार में एक से ज्यादा सदस्य मजदूरी में लगे होते हैं, इस परिवार के दो सदस्य भी कमाते हैं तो न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से उनकी आमदनी बारह हजार रुपए महीने से ज्यादा होती है। ये तो मजदूरी की न्यूनतम दर है जबकि काश्तकारी समेत अन्य कामों में लगे कारीगर प्रतिदिन इससे कहीं ज्यादा कमाते हैं। इस हिसाब से एक मजदूर परिवार की आय 18 से 24 हजार रुपए महिने होती है। 



किसान की कमाई में 10 हजार रुपए सालाना सरकार के शामिल 



किसान की जो औसत कमाई है वो उसके कृषि रकबे की नहीं है बल्कि इसमें सरकारी सहायता शामिल है। केंद्र की मोदी सरकार किसानों को साल में तीन बार दो-दो हजार रुपए यानी छह हजारा सालाना बैंक खातों में जमा कराती है। चार हजार सालाना की राशि प्रदेश की शिवराज सरकार भी किसानों को दे रही है। 



किसानों की आय दोगुनी की जगह कम हो गई 



28 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में ये ऐलान किया कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर मार्च 2022 में किसानों की आय दोगुनी की जाएगी। 24 मार्च 2022 को संसद की कृषि पर बनी स्टैंडिंग कमेटी ने लोकसभा और राज्यसभा में एक रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट ने चौंकाने वाला खुलासा किया। रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के किसानों की आय दोगुनी होना तो दूर रही बल्कि उल्टा घट गई है। प्रदेश के एक किसान परिवार की मासिक आय में 1401 रुपए की कमी हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2015-16 में प्रदेश के एक किसान प​रिवार की आय 9 हजार 740 रुपए महीने थी जो साल 2018-19 में घटकर 8 हजार 339 रुपए हो गई। 



कृषि मंत्री कह रहे ठीक नहीं आंकड़े



किसानों की आय पर कृषि मंत्री कमल पटेल आंकड़ों पर सवाल उठा रहे हैं। कमल पटेल कहते हैं कि प्रदेश में किसानों की आय बढ़ रही है। किसानों की आय दोगुनी करने में प्रदेश में बहुत काम हो रहा है। सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठा रही है।


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