सिवनी-मंडला और डिंडोरी पहुंचने से पहले गायब हो गया 890 टन यूरिया, कृषि विभाग और मार्केटिंग फेडरेशन में मचा हड़कंप

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
सिवनी-मंडला और डिंडोरी पहुंचने से पहले गायब हो गया 890 टन यूरिया, कृषि विभाग और मार्केटिंग फेडरेशन में मचा हड़कंप

राजीव उपाध्याय, JABALPUR. सिवनी-मंडला और डिंडोरी जिलों के लिए बीते महीने के अंत में सहकारी समितियों को करीब 1 हजार टन यूरिया पहुंचाया जाना था। करोड़ों रुपए का ये यूरिया उन जिलों में नहीं पहुंचने से कृषि महकमे और विपणन संघ (मार्केटिंग फेडरेशन) के गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है। अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं तो दूसरी तरफ संभागायुक्त बी चंद्रशेखर ने मामले में जांच बैठा दी है। बता दें कि मामले का खुलासा तब हुआ जब सितम्बर महीने का पहला हफ्ता बीतने को आया लेकिन उक्त जिलों में तय कोटे से काफी कम यूरिया पहुंचा।



पहुंचना था हजार टन पहुंचा नाममात्र का यूरिया



आपको बता दें कि सितम्बर माह लगते ही खरीफ की फसल लेने वाले किसानों को यूरिया की ज्यादा जरूरत पड़ती है। धान, मटर, मक्का और भी अन्य फसलों में लगने वाली खाद में यूरिया महत्वपूर्ण घटक है। वहीं रबी सीजन के लिए भी किसान पहले से यूरिया लेकर रख लेते हैं। ताकि ऐन वक्त पर किल्लत होने से उन्हें परेशान न होना पड़े जिसके चलते प्रशासन मांग के मुताबिक हर जिले का कोटा तय कर देता है। कृषि विभाग के सूत्रों की मानें तो यूरिया अब तक पहुंच जाना चाहिए था लेकिन अब तक पहुंचा नहीं है।



आखिर गया कहां यूरिया ?



यूरिया का जिम्मा जिस फर्टिलाइजर कंपनी कृभको और श्याम फर्टिलाइजर के पास था। मार्कफेड और कृषि विभाग को उसके प्रतिनिधि के जवाब का इंतजार है। वहीं कमिश्नर के आदेश के बाद जांच दल ये पता लगाएगा कि आखिर करीब 890 टन यूरिया कहां गायब हो गया।


MP News Agriculture Department मध्यप्रदेश की खबरें Where did 900 tonnes of urea go missing Marketing Federation 900 टन यूरिया कहां गया कृषि विभाग और मार्केटिंग फेडरेशन में हड़कंप