मध्यप्रदेश: बीजेपी-कांग्रेस ने क्यों बदला रंग, न दिल मिले न गले मिले

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Shivasheesh Tiwari
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मध्यप्रदेश: बीजेपी-कांग्रेस ने क्यों बदला रंग, न दिल मिले न गले मिले

Bhopal. राजनीति में नेता जो कहते हैं, जो करते हैं, जो बोलते हैं वो बेहद सोच समझ कर करते हैं। जिसे हम कहते हैं रणनीति का हिस्सा मान सकते हैं। और बात जब संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति की हो तो ये मैसेज साफ होता है। इसका जिक्र इसलिए क्योंकि 3 मई को दो बड़े त्योहार मनाए गए। मुस्लिमों की ईद और हिंदुओं की भगवान परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया। कोरोना काल के तीन साल बाद इस साल त्योहारों की धूम भी नजर आई लेकिन कोरोना से पहले और कोरोना के बाद मनाए जा रहे इन त्योहारों पर राजनीतिक असर भी देखने को मिल रहा है। कुछ कार्यक्रमों में नेता शामिल हुए कुछ में नहीं हुए। इस समय देश में जो माहौल चल रहा है उसे देखते हुए इन त्योहारों में नेताओं के शामिल होने ना होने से कई राजनीतिक संकेत मिले हैं। बीजेपी नेताओं ने तो ईद के प्रोग्राम से बेहद दूरियां बनाई। सोशल मीडिया पर जरूर बधाईयां दी। और कांग्रेस के उन नेताओं के चेहरे भी नजर नहीं आए जो पिछले कुछ सालों से नजर आते रहे हैं। 





ईद की मुबारकबाद से दूरी





राजधानी भोपाल में ईद के मौके पर ईदगाह पर नमाज अता की गई। सभी लोगों ने एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। भोपाल में हर बार ईदगाह के बाहर एक मंच सजाया जाता है। जहां नेता और प्रमुख लोग.. नमाज पढ़कर आने वाले लोगों को ईद की बधाईयां देते हैं। इस मंच पर इसबार नेताओं का जमावड़ा नहीं था। केवल कांग्रेस के विधायक पीसी शर्मा यहां ईद की मुबारकबाद देते नजर आए। तीन साल पहले यानी 2018 की तस्वीर में मुख्यमंत्री शिवराज भी नजर आ रहे हैं तो कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष कमलनाथ भी। और बीजेपी कांग्रेस के कई नेता भी शामिल हुए थे। 2016 की तस्वीर में शिवराज के साथ साथ तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष स्व. नंदकुमार सिंह चौहान, कांग्रेस के नेता सुरेश पचौरी भी नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह हर साल ईद के मौके पर ईदगाह पहुंचते रहे हैं। और ईद की बधाईयां भी देते रहे हैं। ऐसा नहीं है कि शिवराज ने इस बार ईद की बधाई नहीं दी। बधाई दी लेकिन ट्विटर पर। 





बीजेपी नेताओं की ईद के मौके पर नजर आई दूरियां





2018 के बाद से तो कोरोना की वजह से ईद का त्योहार उतनी धूमधाम से नहीं मना। 2018 के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई थी। 2019 में ईद के मौके पर तत्कालीन सीएम कमनलाथ बधाईयां देने पहुंचे थे साथ में कांग्रेस के नेता थे लेकिन बीजेपी के नेता नहीं थे। शिवराज किसी संवैधानिक पद पर भी नहीं थे। 2020 और 2021 में कोरोना की वजह से ईद का त्योहार धूमधाम से नहीं मना। लेकिन इस साल तो सभी त्योहार धूमधाम से मनाए जा रहे हैं, तो सवाल यही पूछा जा रहा है कि इसबार ऐसा क्या हुआ। शिवराज भोपाल में ही थे। भोपाल के गुफा मंदिर में भगवान परशुराम की 21 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण हुआ है वो इस कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद रहे। बीजेपी नेताओं की ईद के मौके पर नजर आई दूरियों को लेकर सवाल पूछा साथ ही शिवराज के ईदगाह ना पहुंचने को लेकर भी सवाल किया लेकिन नेताओं ने कोई जवाब नहीं दिया। 





सुरेश पचौरी परशुराम जयंती के कार्यक्रम में दिखाई दिए





ना केवल शिवराज बल्कि बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी बधाईयां देने नहीं पहुंचे  जबकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान सीएम के साथ नजर आते रहे हैं। वीडी शर्मा ने तो अपने सोशल मीडिया अकाउंट से किसी तरह की बधाईयां भी प्रेषित नहीं की। बीजेपी नेता ये दलील दे सकते हैं कि अक्षय तृतीया के कार्यक्रम की वजह से वो शामिल नहीं हो पाए। लेकिन कांग्रेस नेताओं की क्या मजबूरी रही। कमलनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल से जरूर शुभकामनाएं दी तो सुरेश पचौरी परशुराम जयंती के कार्यक्रम में दिखाई दिए। अरुण यादव जरूर खंडवा में ईद की बधाईयां देते नजर आए। कहीं कांग्रेस नेताओं को ये तो महसूस नहीं हो रहा कि अब बहुसंख्यकों की नाराजगी का खतरा मोल नहीं लिया जा सकता। बहरहाल जो कुछ हो लेकिन त्योहारों के बहाने आने वाले वक्त की राजनीति की तस्वीर साफ नजर आ रही है और ये भी साफ दिखाई दे रहा है कि मप्र की सियासी तस्वीर कैसी रहने वाली है।



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