'पुलिस भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए हॉरीजॉन्टल आरक्षण लागू क्यों नहीं किया'

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Rahul Garhwal
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'पुलिस भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए हॉरीजॉन्टल आरक्षण लागू क्यों नहीं किया'

Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के हॉरीजॉन्टल आरक्षण को लेकर पीईबी से सवाल किया। हाईकोर्ट ने पूछा कि पुलिस भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए हॉरीजॉन्टल आरक्षण लागू क्यों नहीं किया। हाईकोर्ट ने पीईबी को निर्देश दिए हैं कि सभी वर्गों के कटऑफ मार्क के साथ 12 मई से पहले कोर्ट में जवाब दाखिल करे।



PEB ने प्रक्रिया को नहीं रखा पारदर्शी



जबलपुर हाईकोर्ट को बताया गया कि भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षित पदों पर अन्य किसी वर्ग से नियुक्ति नहीं की जा सकती। नियुक्ति के नियमों के तहत शिथिलता का भी प्रावधान है। हॉरीजॉन्टल आरक्षण में वर्टीकल के समतुल्य मैरिट नहीं बनाई जा सकती है। इसके साथ ही पीईबी ने पारदर्शी प्रक्रिया नहीं रखी। किस वर्ग का कितना कटऑफ मार्क है डिस्क्लोज नहीं किया गया। जिसके कारण पूरी भर्ती प्रक्रिया दूषित लग रही है। भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों के लिए हॉरीजॉन्टल आरक्षण लागू नहीं किया गया।



भूतपूर्व सैनिकों के लिए 601 पद आरक्षित



पुलिस भर्ती 2020 में 6 हजार पदों के विज्ञापन में भूतपूर्व सैनिकों को 10 प्रतिशत हॉरीजॉन्टल आरक्षण देकर 601 पद आरक्षित किए गए हैं। लगभग 3 हजार 822 भूतपूर्व सैनिकों ने आवेदन दाखिल किए थे और लिखित परीक्षा में लगभग 2 हजार 200 भूतपूर्व सैनिक शामिल हुए। घोषित रिजल्ट में सिर्फ 6 उत्तीर्ण मतलब सेकंड चरण की परीक्षा में योग्य पाए गए। व्यापमं/पीईबी ने अपनाई गई प्रक्रिया के खिलाफ कई भूतपू्र्व सैनिकों ने याचिका के जरिए चुनौती दी गई थी। 


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