SHAHDOL. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया में बांधवगढ़ नेशनल पार्क एवं कान्हा नेशनल पार्क में 2018 से अपना प्राकृतिक आवास बना चुके हाथियों का मानव से संघर्ष पर राष्ट्रीय स्तर की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 5 से 6 अगस्त तक किया जा रहा है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़,कर्नाटक, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, जंगली हाथियों के विशेषज्ञ,जंगली हाथियों पर अनेक वर्षो से कार्य कर रहे चार एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि,बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, कान्हा टाइगर रिजर्व एवं संजय टाइगर रिजर्व तथा जबलपुर वृत्त,शहडोल वृत्त एवं रीवा वृत्त के क्षेत्र संचालक, मुख्य वनसंरक्षक, वनमण्डलाधिकारी, उपवन मंडलाधिकारी एवं परिक्षेत्र अधिकारी तक के अधिकारी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्ति वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक,वन्य प्राणी फॉरेंसिक स्कूल जबलपुर के निदेशक बांधवगढ़,कान्हा एवं संजय टाइगर रिजर्व के वन्य प्राणी चिकित्सक उपस्थित रहेंगे। इस कार्यशाला में मुख्य रूप से बांधवगढ़ लैंडस्केप, कान्हा लैंडस्केप में वर्ष 2018 से लगातार विचरण कर रहे लगभग 100 हाथियों से उत्पन्न परिस्थितियों पर विचार मंथन किया जायेगा।
कठिनाई पर विमर्श
कार्यशाला के पहले दिन बांधवगढ़ लैंडस्केप, कान्हा लैंडस्केप से आये अधिकारियों द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से वर्ष 2018 में हाथियों के आने के पश्चात मानव-हाथी संघर्ष रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों एवं आ रही कठिनाइयों से विशेषज्ञों को अवगत कराया जाएगा तत्पश्चात छत्तीसगढ़,झारखण्ड,पश्चिम बंगाल एवं कर्नाटक के मुख्य वन्य प्राणी अभिरक्षक,चार एनजीओ के प्रतिनिधियों एवं वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से मानव हाथी द्वन्द्व एवं जंगली हाथियो के प्रबंधन तथा द्वन्द्व को कम करने के लिये किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला जायेगा।
प्रभावित क्षेत्र भ्रमण
कार्यशाला के दूसरे दिन विशेषज्ञों द्वारा हाथी प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण किया जायेगा तथा ग्रामीणों से चर्चा कर हाथियों के कारण हो रही समस्याओं का जायजा लिया जाएगा, तत्पश्चात कार्यशाला में हुए मंथन से प्राप्त निष्कर्ष प्रस्तुत किये जायेंगे ।