बुरहानपुर. यहां कानिफ़नाथ बाबा का मंदिर है। क्षेत्र के लोगों में इनकी भारी आस्था है। यहां पर ऐसा चमत्कार है कि बैलों को जोतनेवाली गाड़ी को एक व्यक्ति भगत खींचता है। वह भी केवल 1 गाड़ी नहीं बल्कि पूरी 12 गाडियां। इसमें सवार होते है सैकडों श्रृद्धालु। 12 गाडीयों को 500 मिटर तक खींचता है। कोरोना काल के चलते आयोजन दो वर्षों से नहीं हो पा रहा था। डाकवाड़ी में यह आयोजन हुआ, जिसमें करीब दर्जनभर युवक तेज रफ्तार से दौड़ रही 12 गाड़ी से नीचे गिर गए। हालांकि बड़ा हादसा नहीं हुआ। दो युवकों को मामूली चोट आई।
गाड़ी में 500 से ज्यादा युवा सवार
यह परंपरा करीब सात पीढ़ी से चली आ रही है। दो साल से कोरोना संक्रमण के कारण आयोजन नहीं हो पा रहा था। 12 गाड़ी भगत छोटू बंशी मोहिते ने खींची। इन गाड़ियों में 500 से ज्यादा युवा सवार थे। यह परंपरा सालों से चली आ रही है। यह सब देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। आयोजन से जुड़े कमलेश गोविंदजीवाला ने बताया हर साल बारह गाड़ी मेले का आयोजन होता है। बुरहानपुर में हर साल हिन्दू नववर्ष गुड़ी पड़वा के अवसर पर बारह गाड़ी खींचने की परंपरा है।