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Jabalpur. जबलपुर में निजी अस्पतालों के संचालकों का समयकाल ठीक नहीं चल रहा है। एक के बाद एक निजी अस्पताल संचालकों के कारनामे उजागर हो रहे हैं। ताजा मामला जबलपुर में चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े नामचीन परिवार के ओमेगा अस्पताल में पार्टनरों से धोखाधड़ी का है। पुलिस ने आनंद तिवारी और सुधांशु तिवारी की शिकायत पर ओमेगा अस्पताल के संचालक डॉ बलवंत हर्षे, उनकी पत्नी डॉ निरूपमा हर्षे, डॉ नीता भाटिया और उनके पति सुजल भाटिया के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि चारों आरोपी डॉक्टर फिलहाल हाई कोर्ट से जमानत ले चुके हैं।
लॉर्डगंज थाना पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में चालान पेश किया है। प्रकरण के अनुसार डॉ आनंद कुमारी तिवारी और सुधांशु तिवारी की शिकायत के आधार पर पुलिस षड्यंत्र पूर्वक, कूटरचित दस्तावेजों के जरिए फर्म की संपत्ति को हड़पने की जांच की थी। 9 जनवरी 2023 को एफआईआर में चारों अभियुक्तों डॉ. बलवंत हर्षे, उनकी पत्नी डॉ निरुपमा हर्षे, डॉ. नीता भाटिया और उनके पति सुज्जल भाटिया के खिलाफ अमानत में खयानत की धारा 406 एवं आपराधिक षड्यंत्र रचने की धारा 120-बी के तहत प्रकरण दर्ज किया था। अब इस केस में धाराएं बढ़ाई गई हैं।
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जांच के बाद पुलिस ने बढ़ाई धारा
विस्तृत जांच के बाद पुलिस ने धाराएं बढ़ाते हुए आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के तहत कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। जानकारी अनुसार चारों भागीदारों पर आरोप है कि उन्होंने भागीदारी डीड को मनमाने तरीके से दूसरे पक्ष को विश्वास में लिए बगैर शून्य कर दिया था।
ये निजी अस्पताल आ चुके सुर्खियों में
जबलपुर में कोरोन काल में नकली रेमडेसिविर मामले में सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा का नाम आया था, जिसमें उन्हें और उनके बेटे को जेल जाना पड़ा था। इसके बाद दमोह नाका स्थित न्यू लाइफ सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में लगी आग में 8 लोगों की मौत के बाद इसके 4 संचालक डॉक्टर को जेल की हवा खानी पड़ी। वहीं आयुष्मान योजना के तहत हुए घोटाले में सेंट्रल किडनी अस्पताल के संचालक डॉक्टर दंपती जेल की हवा खाकर लौटे हैं और अब ओमेगा चिल्ड्रन हॉस्पिटल के संचालकों पर यह मामला दर्ज हो चुका है।