भोपाल. लव जिहाद के खिलाफ 9 जनवरी 2021 को मध्य प्रदेश सरकार ने धर्म-स्वातंत्र्य कानून लागू किया था। देश में सबसे पहले इस कानून को उत्तर प्रदेश ने लागू किया। मध्यप्रदेश ऐसा दूसरा राज्य बना, जहां ये कानून है। इस एक साल में प्रदेश में लव जिहाद (Love jihad law) के खिलाफ 65 मामले दर्ज हुए हैं। इस तरह पुलिस ने हर महीने औसतन 5 से ज्यादा मामले दर्ज किए। जिसमें इंदौर (Indore love jihad case) पहले नंबर पर रहा तो भोपाल (Love jihad case in bhopal) दूसरे नंबर पर। आपको जानकार हैरानी होगी कि कानून में इतने कड़े प्रावधान होने के बावजूद भी 35 से ज्यादा आरोपी जमानत पर जेल से बाहर घूम रहे हैं। आइए समझते हैं, इस कानून में किस तरह की दिक्कतें आ रही है।
गवाह और सबूत सबसे बड़ी चुनौती: इस कानून को लेकर पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, गवाह और सबूत। दोनों ही खोजना और उनको जुटाना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है, क्योंकि गवाह और सबूत के नाम पर पुलिस के पास सिर्फ पीड़िता और ज्यादा से ज्यादा उसके घर वालों के बयान रहते हैं। लिहाजा जब सबूत और गवाह (Problems in love jihad case) नहीं होते हैं, तो उसके चलते आरोपी को आसानी से जमानत मिल जाती है।
इन दो मामलों से समझिए: उदाहरण के लिए बात करें तो अशोकनगर जिले में लव-जिहाद (Ashokanagar love jihad case) का एक मामला कोर्ट में विचाराधीन है। ये मामला समझौता होने की करार पर है, क्योंकि पीड़िता कोर्ट में मुकर गई है। अब पुलिस के पास सबूत नहीं। ऐसे में पुलिस मामले को कोर्ट में स्टैंड ही नहीं कर पा रही है।
भोपाल के मामले में पुलिस की फजीहत: दूसरा मामला भोपाल के TT नगर थाने का है, जहां पुलिस ने आदिल नाम के एक युवक के खिलाफ लव जिहाद कानून के तहत FIR दर्ज की। ये मामला 8 जनवरी 2021 को सामने आया था। जबकि इसमें 9 जनवरी 2021 को धर्म-स्वातंत्र्य की कानूनी धाराओं में FIR दर्ज (mp love jihad law case study) की। खास बात ये हैं कि 9 जनवरी को ही ये कानून गजट नोटिफिकेशन में आया। लिहाजा कोर्ट ने धर्म-स्वातंत्र्य कानून (freedom of religion law) की धाराओं को खारिज कर दिया। पुलिस ने दबाव में FIR कर तो ली, लेकिन न्यायालय में फजीहत का सामना करना पड़ गया। पुलिस के पास मामले में कोई ठोस सबूत भी नहीं, जिससे आदिल को सजा मिल सके। फिलहाल की स्थिति में आदिल दो महीने से जमानत पर जेल से बाहर है।
मुस्लिम के अलावा किश्चियन भी आरोपी: MP में लव जिहाद के 65 मामले (MP Love jihad case) दर्ज हुए हैं। इनमें 36 मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। जबकि 29 मामलों की जांच चल रही है। पुलिस ने मामलों में 107 आरोपी बनाए। जिनमें 78 मुस्लिम और 29 किश्चियन आरोपी बनाए गए। इसके अलावा इतने कड़े प्रावधान होने के बाद भी 35 से ज्यादा आरोपी जमानत पर बाहर घूम रहे हैं। इस कारण पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
ये है धर्म-स्वातंत्र्य (लव जिहाद) कानून:
1. धर्म-स्वातंत्र्य कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
2. अगर कोई भी व्यक्ति धर्म-स्वातंत्र्य कानून अधिनियम की धारा तीन का उल्लंघन करता है, तो उसे एक से पांच वर्ष का कारावास और कम से कम 25 हजार रुपए जुर्माना देना होगा।
3. नाबालिग महिलाएं, SC-ST के प्रकरण में दो से 10 साल तक की जेल और कम से कम 50 हजार रुपए जुर्माना देना होगा।
4. अपना धर्म छिपाकर ऐसा प्रयास करने पर तीन से 10 साल की जेल और कम से कम 50 हजार रुपए का जुर्माना चुकाना होगा।
5. सामूहिक धर्म परिवर्तन यानी दो या उससे अधिक व्यक्ति के धर्म परिवर्तन का प्रयास करने पर पांच से 10 वर्ष का कारावास और कम से कम एक लाख रुपए जुर्माना देना होगा।