इंदौर के लॉ कॉलेज में ABVP को नई कमेटी की जांच पर भी भरोसा नहीं, मामले में न्यायिक जांच की मांग करने की तैयारी; लेखिका गिरफ्तार

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Rahul Garhwal
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इंदौर के लॉ कॉलेज में ABVP को नई कमेटी की जांच पर भी भरोसा नहीं, मामले में न्यायिक जांच की मांग करने की तैयारी; लेखिका गिरफ्तार

संजय गुप्ता, INDORE. शासकीय लॉ कॉलेज में किताब को लेकर उठे विवाद में हर दिन नया मोड़ आ रहा है। ताजे विवाद के तहत अब फरियादी छात्र और बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी को सरकारी जांच कमेटी पर ही भरोसा नहीं है। द सूत्र से बात करने पर उन्होंने कहा कि हम आपस में विचार कर रहे हैं कि इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की जाए। हालांकि ये फैसला आपस में बैठक करके करेंगे क्योंकि जांच कमेटी की प्रक्रिया से हम संतुष्ट नहीं है और हमें लग रहा है कि मामले में कमेटी लीपापोती करेगी। वहीं विवादित किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान की पुणे में गिरफ्तारी हुई है। उन्हें बीमार होने के कारण जमानत दी गई है। उनसे कहा गया है कि स्वस्थ होकर पेश हों।





इसलिए जांच कमेटी पर कम भरोसा





फरियादी छात्र लक्की आदिवाल और एबीवीपी के पदाधिकारी घनश्याम ने कहा कि कमेटी ने 16 छात्रों के बयान लिए गए हैं। इनमें वे छात्र भी शामिल हैं जो आरोपी शिक्षकों के खास हैं। वहीं छात्रों पर शिक्षकों का दबाव और प्रभाव भी रहता है। ऐसे में हमें लग रहा है कि इन छात्रों के बयानों के आधार पर जांच कमेटी मामले में लीपापोती कर देगी। यदि ऐसा होता है तो फिर हम इस पूरे मामले में न्यायिक जांच की ही मांग करेंगे।





छात्रों से पूछताछ में 19 सवालों की प्रश्नावली दे रही कमेटी





कमेटी द्वारा छात्रों से बयान के लिए उन्हें बकायदा 19 सवालों की एक प्रश्नावली लिखित में दी जा रही है और इसी आधार पर उनके बयान लिखित में लिए जा रहे हैं। इन सवालों में हैं नाम, क्लास, कॉलेज में कब प्रवेश लिया, क्या पढ़ते हैं, क्या शिक्षक पढ़ाने के लिए बाहर ले जाते हैं। यदि हां तो कहां पर ले जाते हैं। पक्षपात और धार्मिक कट्‌टरता संबंधी गतिविधि संचलन की जानकारी दीजिए। यदि हां तो कभी आपने इस बारे में प्रतिक्रिया दी और क्या दी। भारतीय महापुरुष और हिंदू राजाओं को लेकर क्या जानकारी दी जाती है, इसके प्रमाण। शुक्रवार को दिन कोई विशिष्ट प्रावधान, लव-जिहाद का मामला संज्ञान में हैं क्या तो कब से, कॉलेज का व्हाट्सएप ग्रुप है तो संचालन कौन करता है।





किताब को लेकर भी ये किए गए सवाल





सामूहिक हिंसा और दाण्डिक न्याय पद्धति किताब क्या पढ़ाते हैं, यदि हां तो क्या कभी प्रतिक्रिया और आपत्ति दी आपने। यह लाइब्रेरी में कब से हैं, क्या पहले भी कभी यह किताब रही है, सिलेबस में यह किताब है क्या, कभी आपने इस किताब को लेकर आपत्ति ली है, इस पुस्तक से धार्मिक उन्माद, वैमनस्यता, राष्ट्रीय अखंडता गृह युद्ध छेड़ने जैसे उद्देश्य पूर्ण होते हैं, यह साबित करने के लिए कोई जानकारी, इस ज्वलंत मामले में आपकी क्या प्रतिक्रिया है, इसके अतिरिक्त अन्य कोई विषय।





पूरे मामले में अब तक क्या हुआ ?





2 दिसंबर - एबीवीपी और छात्रों ने कॉलेज में प्रदर्शन कर प्रोफेसर और प्रिंसिपल पर धार्मिक कट्‌टरता फैलाने के आरोप लगाए। विवादित किताब भी बताई जिसमें हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक बातें थीं। विवाद सामने आने के बाद प्रिंसिपल ईमानुर्रहमान ने 6 प्रोफेसर को 5 दिन के लिए शैक्षणिक काम से मुक्त कर जांच कराने की बात कही।





3 दिसंबर - विवाद बढ़ने पर अगले दिन प्रिंसिपल ईमानुर्रहमान ने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं फरियादी छात्र लकी ने थाने में शिकायत कर दी। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी जांच करके पुलिस को केस दर्ज करने के लिए कहा। इस पर प्रिंसिपल, प्रोफेसर, लेखिका और प्रकाशक पर केस दर्ज हो गया। जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी भी बन गई।





द सूत्र ने कमेटी पर उठाए सवाल





द सूत्र ने जांच कमेटी पर सवाल खड़े किए क्योंकि इसमें डॉ. सुरेश सिलावट भी थे जिनकी पत्नी डॉ. सुधा सिलावट खुद इस कॉलेज में प्रिंसिपल रही हैं और ऐसे कयास हैं कि उन्हीं के कार्यकाल में किताब खरीदी गई।





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4 दिसंबर - उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने डॉ. सुरेश सिलावट को बाहर करके 7 सदस्यीय नई कमेटी गठित कर दी। उधर प्रिंसिपल ने केस दर्ज होने पर थाने पर पत्र भेजा कि इसमें मेरी गलती नहीं है। बुक तो साल 2014 में खरीदी गई और मैंने 2019 में पद संभाला है।





5 दिसंबर - नई कमेटी जांच के लिए इंदौर आ गई और पूछताछ शुरू की।





6 दिसंबर - उधर प्रकाशक गिरफ्तार हो गया तो लेखिका फरार हो गई। वहीं प्रिंसिपल और प्रोफेसर मिर्जा की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी। जांच कमेटी अभी बयान लेने का काम कर रही है।





किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान पुणे में गिरफ्तार





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महिलायें एवं आपराधिक विधि की लेखिका डॉ. फरहत खान पुणे में गिरफ्तार हो गई हैं लेकिन उनकी तबीयत खराब बताई है। बताया जा रहा है कि विवाद के बाद वे पुणे चली गईं और उनकी तबीयत खराब हो गई थी। किडनी में इन्फेक्शन है और डायलिसिस चल रहा है। इसके लिए परिजन ने उन्हें पुणे के रूबी हॉल अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर वहां पहुंची और उनकी हालत देखने के बाद मौके पर ही जमानत दे दी। उन्हें नोटिस दिया गया है कि स्वस्थ होकर पेश हो।



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