संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में केरल स्टोरी फिल्म को लेकर रविवार को नया बखेड़ा खड़ा हो गया। इस मूवी के लेखक सूर्यपाल सिंह धार के रहने वाले हैं और देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी इंदौर के छात्र रहे हैं। रविवार को उनका यूनिवर्सिटी में छात्रों से मिलने का कार्यक्रम था, जो एबीवीपी द्वारा कराया जाना था, इसे मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन कुलपति ने कार्यक्रम से कुछ देर पहले कार्यक्रम की मंजूरी निरस्त कर दी और कार्यक्रम रद्द हो गया। इसके पीछे बड़ा कारण था कि एनएसयूआई ने भी मांग कर दी थी कि यदि केरला स्टोरी दिखा रहे हैं तो फिर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (गुजरात दंगों को लेकर) को भी दिखाने की मंजूरी दी जाए। विवाद बढ़ते देख कुलपति रेणु जैन ने दोनों ही कार्यक्रम को ना कह दी। लेकिन अब एबीवीपी ने कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन की धमकी दे दी है।
सुबह होना था कार्यक्रम, बाद में कॉफी हाउस में मिले
एबीवीपी के विद्यार्थी मंथन प्रोग्राम में रविवार सुबह फिल्म द केरल स्टोरी के लेखक सूर्यपाल सिंह स्टूडेंट्स से रूबरू होने वाले थे। लेकिन कार्यक्रम शुरू होने तक डिपार्टमेंट का ताला ही नहीं खोला गया। कुलपति डॉ. रेणु जैन से एबीवीपी पदाधिकारियों ने संपर्क किया तो पता चला कि प्रोग्राम की अनुमति निरस्त कर दी गई है। बाद में सूर्यपाल सिंह ने स्टूडेंट से कैंटीन में अनौपचारिक चर्चा की। एबीवीपी के इंदौर महानगर मंत्री सार्थक जैन का कहना है कि कुलपति को पूर्व में ही सूचित कर दिया था। कुलपति ने राजनीतिक दबाव में आकर या किस वजह से उन्होंने परमिशन निरस्त की है ये तो वे ही बता सकती हैं। अब स्टूडेंट्स के साथ विवि प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा।
हमारी मंजूरी क्यों निरस्त की?
एबीवीपी पदाधिकारियों ने प्रोग्राम की परमिशन निरस्त होने के बाद कैंपस में मौजूद इंडियन कॉफी हाउस की पहली मंजिल पर सूर्यपाल सिंह की स्टूडेंट्स से मुलाकात करवाई। इस दौरान सूर्यपाल सिंह ने अपने अनुभव स्टूडेंट्स के साथ बांटे और कुछ छात्र-छात्राओं के सवालों के जवाब भी दिए। इस मौके पर अभाविप के घनश्याम चौहान, सचिन शर्मा, लक्की आदिवाल आदि पदाधिकारी भी मौजूद थे। यहां से सूर्यपाल सिंह के रवाना होने के बाद कुलपति डॉ. रेणु जैन यूनिवर्सिटी कैंपस पहुंची थी, जहां एबीवीपी पदाधिकारियों और उनके बीच परमिशन निरस्त करने को लेकर तीखी बहस भी हुई। कुलपति ने कहा कि वे एक-दो दिन में ही बड़ा प्रोग्राम सूर्यपाल सिंह का प्लान करेगी, इस पर एबीवीपी ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन स्वतंत्र है, उसे जो करना है वो करे लेकिन किसी के दबाव में आकर उनके प्रोग्राम की परमिशन क्यों निरस्त की गई।
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एबीवीपी और कुलपति के बीच लंबे समय से चल रही तकरार
एबीवीपी और कुलपति के बीच ये पहली बार नहीं है, इसके पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं। स्कूल ऑफ लॉ की हैड के खिलाफ भी एबीवीपी ने मोर्चा खोला था, जिसमें लंबे समय तक दोनों के बीच विवाद हुआ। वहीं होली के आयोजन को मंजूरी नहीं देने पर भी दोनों के बीच लंबी खींचतान हुई।