इंदौर में हादसे की वजह पुरानी बावड़ी पर अतिक्रमण, विरोध पर लोगों का सिर फोड़ा; सालों पहले FIR तक हुई, लेकिन कार्रवाई जीरो

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Sunil Shukla
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इंदौर में हादसे की वजह पुरानी बावड़ी पर अतिक्रमण, विरोध पर लोगों का सिर फोड़ा; सालों पहले FIR तक हुई, लेकिन कार्रवाई जीरो

संजय गुप्ता/योगेश राठौर, INDORE. इंदौर के पटेल नगर में रामनवमीं के दिन श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बावड़ी धंसने से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग घायल हुए हैं। आर्मी ने 13 लोगों के शव देर रात बावड़ी से बाहर निकाले, इसमें एक डेढ़ साल के बच्चे का शव भी शामिल था। 14 लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है। कई लोगों के बावड़ी में फंसे होने की आशंका है। देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी था।



हादसे की वजह अतिक्रमण और अवैध निर्माण



इस हादसे की वजह एक सार्वजनिक बावड़ी पर अतिक्रमण कर किया गया अवैध निर्माण है। इसके खिलाफ स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम, जिला प्रशासन से लेकर पुलिस थाने तक में शिकायत की है। करीब 20 साल पहले शिकायत को लेकर हुए विवाद और मारपीट की एफआईआर भी जूनी थाने में दर्ज है, लेकिन क्षेत्र में एक पूर्व पार्षद के दबदबे के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीजेपी के वर्तमान पार्षद मृदुल अग्रवाल ने भी बावड़ी पर अवैध निर्माण की शिकायत नगर निगम में पहले से दर्ज होने की बात कही है। लेकिन उस पर कार्रवाई के सवाल पर वे भी बचते हुए कहा- मैं दुख व्यक्त कर सकता हूं। असल में मैं नया पार्षद हूं। हम इस बारे में कल बात करेंगे। इस मामले में नगर निगम और जनप्रतिनिधियों के टालमटोली को लेकर स्थानीय नागरिकों में जबरदस्त गुस्सा है।



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अतिक्रमण अवैध निर्माण के पीछे बीजेपी के पूर्व पार्षद का नाम




— Sunil Shukla (@sshukla1968) March 30, 2023



पटेल नगर में मंदिर के पास रहने वाले लोगों ने द सूत्र की टीम को बताया कि हादसे की वजह सिर्फ और सिर्फ एक पुरानी सार्वजनिक बावड़ी और आसपास की करीब 1500 वर्ग फीट जमीन पर अतिक्रमण करके खड़ा किया गया निर्माण है। इसका विवाद 1980 से चल रहा है। करीब 20 साल पहले यहां के 2 वरिष्ठ नागरिकों कांति पटेल और मुन्ना वर्मा ने बावड़ी पर अतिक्रमण कर किए जा रहे निर्माण का विरोध किया था। तब अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार लोगों ने उनके साथ मारपीट करके उनका सिर फोड़ दिया था। इस मामले की एफआईआर इंदौर के जूनी थाने में दर्ज कराई गई थी। लेकिन बीजेपी के तत्कालीन पार्षद सेवाराम गालानी के रसूख के चलते नगर निगम और पुलिस-प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।



पार्षद से लेकर सांसद तक ने नहीं होने दी कार्रवाई



पिछले साल मई 2022 में इंदौर में बगीचों पर किए गए अतिक्रमण हटाने के लिए शुरू की गई नगर निगम की कार्रवाई से यहां भी कार्रवाई होने की उम्मीद जगी थी। लेकिन नगर निगम के अतिक्रमणविरोधी अमले की गाड़ियां यहां किए गए अवैध निर्माण के गेट पर आकर रुक गईं। उस समय यहां के स्थानीय पार्षद से लेकर विधायक और सांसद तक ने पूरा जोर लगा दिया था कि बावड़ी पर किए गए अतिक्रमण को नगर निगम का अमला हाथ भी नहीं लगाएगा। हादसे से बेहद नाराज स्थानीय नागरिकों का सवाल है कि एक पुरानी सार्वजनिक बावड़ी पर, जिससे बरसों तक स्थानीय जनता को पानी की सप्लाई की जाती रही हो, वहां पर खुलेआम दादागीरी करके इतना बड़ा अतिक्रमण और अवैध निर्माण कैसे कर लिया गया।



अभी भी जारी है अवैध निर्माण



अभी भी मंदिर के सामने करीब 5 हजार वर्ग फीट की जमीन पर अतिक्रमण कर एक और पक्का निर्माण किया जा रहा है। यदि आज की बाजार दर से इस जमीन की कीमत आंकी जाए तो ये 10 करोड़ से ऊपर की होगी। इस जमीन पर अब एक बड़ा हॉल बनाकर उसे किराए पर चलाने की योजना है। इस सबके साथ ये सवाल भी खड़ा हो रहा है कि जब केंद्र सरकार की अमृत योजना से करीब 2-ढाई करोड़ रुपए की राशि लगाकर मंदिर से सटे बगीचे का विकास किया गया है तो ये जमीन खाली क्यों छोड़ दी गई।  ये जमीन किसके आदेश से छोड़ी गई।



निगम के जोनल अधिकारी की भूमिका पर भी सवाल



गुस्साए नागरिकों ने कहा कि यदि इंदौर के कलेक्टर और प्रदेश के मुख्यमंत्री को यदि सही मंशा से इस हादसे की जांच करानी है,  जांच के नाम पर कोई लीपापोती नहीं करनी है तो उन्हें जांच में इस सवाल के जवाब भी पूछना चाहिए कि यहां बावड़ी पर किए गए अतिक्रमण के लिए कौन-कौन अधिकारी और जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस इलाके में इंदौर नगर निगम का जोनल अधिकारी अतीक खान यहां पिछले 8-10 सालों से डटा हुआ है। पूरे शहर में नगर निमग का कोई भी जोनल अधिकारी इतने लंबे समय तक एक इलाके में पदस्थ नहीं रहा होगा। ये भी पूछा जाना चाहिए कि नगर निगम के जिस जोनल अधिकारी को इलाके की चप्पे-चप्पे की जानकारी होती है उसे यहां बावड़ी पर किया जा रहा अतिक्रमण क्यों नहीं दिखा।  उसने इसके खिलाफ क्या कार्रवाई की।



मंदिर के बगल में बिना अनुमति के हो रहा था नया निर्माण




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मंदिर ट्रस्ट को नगर निगम का नोटिस




स्नेह नगर के रहवासियों ने पत्र लिखकर नगर निगम को बताया था कि पार्क पर मंदिर के बगल से एक नया निर्माण किया जा रहा है जिसकी कोई विधिवत इजाजत ही नहीं ली गई। इस पत्र के बाद पिछले साल अप्रैल में नगर निगम ने मंदिर के ट्रस्ट जिसके अध्यक्ष सेवाराम गालानी हैं, उन्हें 25 अप्रैल तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था। ट्रस्ट की तरफ से नगर निगम को पत्र भेजा गया कि बावड़ी पर कोई अतिक्रमण नहीं है और नया निर्माण मंदिर की जमीन पर है ना कि पार्क की जमीन पर है। इस पत्र के बाद इसी साल 30 जनवरी को फिर नगर निगम ने नोटिस भेजा कि जो पक्ष ट्रस्ट की तरफ से रखा गया है वो सही नहीं है। जो भी निर्माण हो रहा है वो अतिक्रमण है इसे ट्रस्ट हटाए, लेकिन इस नोटिस को देकर नगर निगम भूल गया। खास बात ये भी है पिछले साल मई में इंदौर के बागीचों पर किए अतिक्रमण को हटाने की नगर निगम ने मुहिम शुरू की थी। रहवासियों को कार्रवाई की उम्मीद बंधी थी, लेकिन जब नगर निगम का अमला यहां पहुंचा तो उसे रोकने के लिए स्थानीय पार्षद से लेकर विधायक और सांसद ने पूरा जोर लगा दिया। लोगों ने यही आरोप लगाए।



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पार्षद बोले- दुख ही व्यक्त कर सकता हूं, अभी नया हूं




— Sunil Shukla (@sshukla1968) March 30, 2023



इलाके के वर्तमान बीजेपी पार्षद मृदुल अग्रवाल से जब द सूत्र ने इस हादसे की वजह पूछी तो उनका पहला जवाब ये था कि मैं दुख ही व्यक्त कर सकता हूं। असल में मैं नया पार्षद हूं। आज इतनी बड़ी घटना हुई है, सब लोग दुखी हैं। हम इस बारे में कल बात कर लेंगे। यहां बावड़ी पर किए गए अतिक्रमण और उस पर अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत पर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने बताया कि शिकायत नगर निगम में पूर्व से की गई थी। उस पर कार्रवाई भी चल रही है। नगर निगम ने नोटिस भी जारी किए गए हैं। यहां पर किए जा रहे नए अतिक्रमण और अवैध निर्माण के सवाल पर उनका कहना है कि ये तो पिछले 2 साल से बन रहा है। मैं बाद में पार्षद बना हूं।


Beleshwar Mahadev Jhulelal Temple बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर Incident in Indore due to encroachment on Bawdi FIR lodged 20 years ago no action taken due to ex-councillor इंदौर में हादसा बावड़ी पर अतिक्रमण की वजह से हादसा 20 साल पहले FIR पूर्व पार्षद की वजह से नहीं हुई कार्रवाई