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Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट में मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया द्वारा शिक्षा के लिए उपयोग में लाई जाने वाली कुल 2 एकड़ जमीन को षड़यंत्र पूर्वक और नियम विरुद्ध तरीके से भूमाफिया को बेचे जाने के मामले में हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू को जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद अब प्रशासन बर्खास्त बिशप पीसी सिंह की संस्था पर की गई कार्रवाई की तर्ज पर मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया पर भी कार्रवाई करने का मन बना चुका है। इसके लिए प्रशासन ने कार्रवाई कर उक्त जमीन पर नोटिस भी चस्पा किया है। इस मामले के उजागर होने के बाद संस्था में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के मुताबिक आरआई द्वारा की गई जांच के अनुसार उक्त जमीन पर भूतल पर व्यावसायिक प्रयोग हो रहा है, फर्स्ट फ्लोर पर अस्पताल संचालित है और आवासीय प्रयोजन के लिए भी भूमि का उपयोग किया जा रहा है। प्लाट नंबर 5/2 और 5/3 में नजूल पट्टा पंजीयन दिनांक 4 मार्च, 2005 में आवासीय प्रयोजन हेतु भूमि लीज पर दी गई थी तथा उपरोक्त अनुसान व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। जो कि पट्टा अभिलेख में दर्ज शर्त का उल्लंघन है।
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दस्तावेजों के मुताबिक मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के नाम पर जारी पहले लीज पट्टे में आवेदक ट्रस्ट को आवासीय प्रयोजन के लिए लीज पर जमीन दी गई थी, जिसे बेचने से पहले पूर्व अनुमति लिया जाना अनिवार्य होता है, लेकिन उक्त अनुमति का उल्लेख राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं है।
प्रथम लीज धारी मेथोडिस्ट चर्च इन इंडिया जबलपुर के जिला अधीक्षक फादर मनीष एस गिडियन को एसडीएम रांझी द्वारा जारी पत्र 27 फरवरी 2023 में उक्त आवंटन चर्च के नाम जिस प्रयोजन के लिए किया गया था उसके बाईलॉज तथा अनुमति आदि के दस्तावेज उपलब्ध कराने कहा गया लेकिन वह प्रस्तुत नहीं किया गया। आरआई द्वारा स्वतः जिला अधीक्षक के दफ्तर में संपर्क किया लेकिन उनके द्वारा कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए।
माना जा रहा है कि मिशनरी संस्था पर वही कार्रवाई हो सकती है जो कि बर्खास्त बिशप पीसी सिंह की संस्था पर की गई थी। वहीं हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईओडब्ल्यू की जांच अभी होना बाकी है।