Indore. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, रसायन और उर्वरक विभाग के मंत्री मनसुख मंडाविया ने दवा व्यापार के ज्वलंत मुद्दों पर अपनी अध्यक्षता में सरकार के सभी विभागों के शीर्ष प्रमुखों, स्वास्थ्य एनपीपीए, डीसीजीआई सहित एआईओसीडी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद एआईओसीडी ने अपने हल्लाबोल आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की है। इस बैठक में सचिव फार्मा एस अर्पणा, सचिव स्वास्थ्य राजेश भूषण, एनपीपीए के अध्यक्ष कमलेश पंत, डीसीजीआई वी जी सोमानी, एनपीपीए सचिव डॉ विनोद कोतवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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एआईओसीडी के अध्यक्ष जे.एस. शिंदे ने ई-फ़ार्मसीज़ की अवैध व्यावसायिक प्रथाओं और बड़े कॉरपोरेट श्रृंखलाओं द्वारा ग़ैर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर दवा के विक्रय की ओर इशारा किया, जिसने दवा व्यापार को बहुत बुरी तरह प्रभावित किया है। कॉरपोरेट संस्थाओं के वर्चस्व का परिणाम है कि दवाओं की अवैध बिक्री और अवैध दामों पर कैपिटल बर्न करने से , 12 लाख सदस्यों, उनके परिवारों और 4 करोड़ से अधिक आश्रितों की आजीविका पर अस्तित्व का खतरा मंडरा रहा है। मनसुख मंडाविया ने धैर्यपूर्वक संस्था की मांगों को सुना और आश्वासन दिया कि एआईओसीडी द्वारा उल्लिखित सभी बिंदुओं पर प्रस्तावित न्यू ड्रग एक्ट में सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के साथ बैठक के बाद संगठन ने कुछ समय के लिए आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया है, संगठन को उम्मीद है कि दवा व्यापारियों के साथ किए गए वादे को केंद्र सरकार पूरा करेगी।