BHOPAL. रिटायर्ड आईएएस राधेश्याम जुलानिया ने मानहानि के एक मामले में मुरैना के महापौर और पूर्व सांसद अशोक अर्गल और नवभारत के संदीप माहेश्वरी, संपादक धीरेन्द्र शुक्ल से राजीनामा कर लिया है। जुलानिया ने इन सभी पर वर्ष 1997 में मानहानि का केस दर्ज किया था। राजधानी की सांसद और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश महेन्द्र सैनी की अदालत में जुलानिया ने आवेदन प्रस्तुत कर कहा था कि मेरे खिलाफ अनर्गल समाचार प्रकाशित करने के लिए आरोपीगण ने खेद प्रकट किया है। प्रकरण लगभग 25 साल पुराना है। अभियुक्तगण वृद्ध और बीमार हैं। ऐसे में अब प्रकरण को आगे नहीं चलाना चाहता। जुलानिया ने अदालत से निवेदन किया था कि प्रकरण को इसी स्तर पर समाप्त कर दिया जाए। अदालत ने फरिवादी के आवेदन को मंजूर करते हुए इन सभी को दोषमुक्त कर दिया है।
छह महीने की जेल की सजा सुनाई थी
उल्लेखनीय है कि इसी मामले में जुलानिया ने एक अन्य प्रकरण में मानहानि के मामले में मुरैना के महापौर व पूर्व सांसद अशोक अर्गल और जयकिशन शर्मा के खिलाफ दायर किया था। इस मामले सुनवाई सांसद और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेश सिंह ने की। न्यायाधीश सिंह ने सुनवाई के बाद अरोपियो को दोषी ठहराते हुए छह महीने की जेल की सजा सुनाई थी।
यह था मामला
मुरैना के कलेक्टर रहने के दौरान आरएस जुलानिया के खिलाफ अशोक अर्गल के बयान पर एक समाचार प्रकाशित किया गया था। इसमें कहा गया था कि भ्रष्टाचार करने वाले सीएमओ कोरी से राधेश्याम जुलानिया ने दिल्ली में पांच लाख रुपए रिश्वत की रकम ली है। नगर पालिका में 80 लाख रुपए का गोलमाल किया है। हिटलर के वंशज जुलानिया मुरैना की जनता को प्रताड़ित कर रहे हैं। सांसद निधि से बनने वाले रपटे में भी भ्रष्टाचार की बू आ रही है। जुलानिया ने इस समाचार को लेकर स्वदेश और नवभारत के खिलाफ न्यायालय में मानहानि के अलग-अलग मामले दायर किए थे।