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Bhopal. मध्यप्रदेश में अक्टूबर-नवंबर के महीने में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। ऐसे में असदउद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिसे इत्तिहादुल मुस्लिमीन भी चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। नगरीय निकाय चुनावों में ओवैसी यहां पार्टी को एंट्री दिला चुके हैं। सूत्रों की मानें तो एआईएमआईएम यहां एक सर्वे भी करा चुकी है। जिसमें प्रदेश की 33 ऐसी सीटों पर पूरा फोकस करने का प्लान निकलकर सामने आया है जहां मुस्लिम वोटरों की खासी तादाद है।
दमदार प्रत्याशियों की तलाश
सूत्र बता रहे हैं कि ओवैसी को मध्यप्रदेश की इन 33 सीटों पर दमदार प्रत्याशियों की तलाश है। जिन 33 सीटों पर मजलिस की निगाहें हैं उनमें 18 सीटों पर बीजेपी तो 15 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। ओवैसी यहां दलित और मुस्लिम फैक्टर के जरिए जीतने का ख्वाब देख रहे हैं।
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सर्वे में इन 33 सीटों का जिक्र
सर्वे में जिन 33 सीटों का जिक्र है उनमें ग्वालियर दक्षिण की सीट जहां 38,646 मुस्लिम वोटर्स हैं, जबलपुर पूर्व सीट जहां 77 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं। जबलपुर उत्तर जहां 32 हजार से ज्यादा मुसलमान वोटर्स हैं। छिंदवाड़ा सीट जहां 35 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं। इसके साथ ही भोपाल उत्तर की सीट, जहां से आरिफ अकील सिटिंग एमएलए हैं पर एआईएमआईएम की विशेष नजर है। बता दें भोपाल उत्तर में 87 हजार से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं जो निर्णायक स्थिति में हैं।
इन सीटों के अलावा परासिया (30518 मुस्लिम वोटर्स), शाजापुर सीट (32356 मुस्लिम वोटर्स), कालापीपल (30623 मुस्लिम वोटर्स), बुरहानपुर (96900 मुस्लिम वोटर्स), इंदौर 1 (49518 मुस्लिम वोटर्स), राऊ (33793 मुस्लिम वोटर्स), ग्वालियर (40,045 मुस्लिम वोटर्स) की सीटों पर भी ओवैसी की पैनी निगाह है। ओवैसी की पार्टी को यकीन है कि यदि उन्हें इन सीटों पर दमदार प्रत्याशी मिल गए तो एमपी में उनकी पार्टी कमाल दिखा सकती है।
जैतपुर, सिवनी, सिरोंज, नरेला, आष्टा, नरसिंहगढ़, देवास, खंडवा, धार, इंदौर 4, इंदौर, महू, सांवेर, जावरा, मंदसौर, उज्जैन उत्तर, रतलाम सिटी सीटों पर भी ओवैसी की पार्टी राजनैतिक समीकरण की बिसात बिछाने में जुटी हुई है। इसके लिए पार्टी जयस, दलित संगठनों और छोटे दलों से भी बातचीत कर रही है। माना जा रहा है कि जयस और एआईएमआईएम ने हाथ मिला लिया तो आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस को खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है।