Shahdol . शहडोल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियों में हुई गड़बड़ी के मामले में हायर एजुकेशन ने यूनिवर्सिटी से जवाब तलब किया है। हायर एजुकेशन के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने यूनिवर्सिटी से 21 नवंबर तक 4 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। प्रतिवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि 18 नवंबर को द सूत्र ने इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया था। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और अब यूनिवर्सिटी से नियुक्ति संबंधी विज्ञापन, चयनित अभ्यर्थियों की किन पदों पर नियुक्ति की गई, नियुक्ति में रोस्टर का पालन हुआ या नहीं, आरक्षण नियमों का पालन कितना हुआ, कितने आरक्षित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई जैसी जानकारी मांगी गई है।
यह है पूरा मामला
अस्थाई प्राध्यापक संघर्ष मोर्चा का आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर के अलग-अलग विषयों में 68 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला गया था लेकिन भर्ती सिर्फ 24 पदों के लिए ही की गई। विश्वविद्यालय प्रशासन ने नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर एवं स्क्रीनिंग प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया। भर्ती प्रक्रिया में नियमानुसार एक पद के विरुद्ध 10 से 12 प्रतिभागी ही बुलाने चाहिए थे लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने मनमानी करते हुए एक पद के विरुद्ध 25 से 30 आवेदकों को इंटरव्यू के लिए बुलाया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि जिन चहेते प्रतिभागियों को चुनना था वे मेरिट में 20 से 30 वें नंबर पर थे। चुने गए आवेदकों की मेरिट लिस्ट यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जारी नहीं की गई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि नियुक्ति प्रक्रिया में वाइस चांसलर डॉ.रामशंकर दुबे और रजिस्ट्रार आशीष तिवारी के काले कारनामे सामने न आ पाएं।
पहले ही होटल में आकर रूक गए थे चयनित अभ्यर्थी
चहेते आवेदकों को कम अंकों के बाद भी गुपचुप तरीके से व्यक्तिगत रूप से ईमेल के माध्यम से 08 नवंबर 2022 को नियुक्ति पत्र भेजे गए। जिन आवेदकों को नियुक्ति दी जानी थी वे पहले से ही शहडोल के एक निजी होटल में आकर रुके हुए थे। इन सभी को दूसरे दिन यानी 09 नवंबर को आनन-फानन में सुबह 10.30 बजे यूनिवर्सिटी मे जॉइनिंग करा दी गई।