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Jabalpur. जबलपुर में रिटायरमेंट के बाद विभाग से अपना पैसा लेने के लिए आर्मी के लांस नायक को परेशान होना पड़ा। उसके फंड को जारी करने के लिए वेतन एवं लेखा कार्यालय (ओआरएस) ग्रेनेडियर रेजीमेंटल सेंटर, जबलपुर के एक अधिकारी ने घूस के लिए तीस हजार रुपये की मांग की। मोबाइल के जरिए अधिकारी ने बकायदा संदेश भेजकर लेनेदेन की बातचीत की। जिसके बाद रिटायर्ड लांस नायक ने इस मामले में सीबीआई की जबलपुर टीम को शिकायत की। मामले की शिकायत सेवानिवृत्त लांस नायक अजीत सिंह, निवासी बलिया उत्तर प्रदेश ने सीबीआई की जबलपुर यूनिट से अगस्त माह में की थी। मामले की जांच के बाद सीबीआई ने मनोज सिंह समेत उसके चचेरे भाई गोविंद कुमार नाथ व एक अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पैसे लिए बिना नहीं जारी किया फंड
सीबीआई की शिकायत में कहा गया है कि अजीत के साथ सेना के अफसर मनोज नाथ की वाट्सअप में बातचीत हुई। जिसमें मनोज नाथ ने कहा खाता नंबर,आएफसी नंबर लिखकर भेजा। उसने साफ ताकीद दी कि पैसे दिए बिना उसे तीन लाख 32 हजार 634 रुपये जारी नहीं किए जाऐंगे। अजीत सिंह ग्रेनेडियर्स रेजीमेन्टर सेंटर की यूनिट नम्बर 14 में लांस नायक के पद से 31 जुलाई 2020 को रिटायर हुए थे। उनकी सेवानिवृत्ति निधी से रक्षा लेखा विभाग द्वारा तीन लाख 32 हजार 634 रुपए की राशि रोक दी गई थी।
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चचेरे भाई के खाते में डलवाए रिश्वत के पैसे
अजीत ने ग्रेनेडियर रेजीमेंटल सेंटर, जबलपुर की वेतन एवं लेखा कार्यालय कार्यालय में पदस्थ अधिकारी मनोज नाथ से सम्पर्क किया। तो मनोज ने उक्त राशि जारी करने के एवज में तीस हजार रुपए की रिश्वत मांगी। पहले अजीत ने उक्त खाते में 2000रुपये जमा किए। जिसके बाद मामले की शिकायत अजीत ने सीबीआई से की। वाट्सअप में जो खाता नंबर दिया गया था वह मनोज के चचेरे भाई के नाम था। जबकि जिस मोबाइल नंबर से मनोज नाथ ने अजीत से संवाद किया था वह नंबर मनोज के बेटे के नाम है। अजीत ने बताया कि दो हजार रुपये की रिश्वत खाते में आने के बाद रूकी हुई तीन लाख 32 हजार 634 रुपए की राशि उसके खाते में ट्रांसफर कर दी गई।