भोपाल में जगी उम्मीद: लैब में बनने लगी है आर्टिफिशियल आंख, 15 हजार का खर्च

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भोपाल में जगी उम्मीद: लैब में बनने लगी है आर्टिफिशियल आंख, 15 हजार का खर्च

भोपाल. राजधानी भोपाल (Bhopal) में उम्मीद की एक नई किरण जगी है। आंखों की जन्मजात विकृति, बीमारी या हादसे में आंख गंवाने वालों के लिए खुशखबरी (Good news) है। बैरागढ़ में सेवा सदन कस्टमाइज्ड प्रोस्थेसिस आई सेंटर (Customized Prosthesis Eye Center) शुरू हुआ है। यहां आर्टिफिशियल आंख (Artificial eye) बनाई जाएगी। ये दिखने में बिल्कुल असली आंख जैसी होगी। इसे लगाने का खर्च भी दूसरे शहरों की तुलना में एक-तिहाई है।

बाहर से मंगाई जाती है आर्टिफिशियल आंखे

भोपाल में हमीदिया अस्पताल और कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल में आर्टिफिशियल आंख लगाई जाती है। इनके सेट जयपुर, हैदराबाद, मुंबई से मंगाए जाते हैं। भोपाल में ये आंखे केवल फिट की जाती हैं। सेवासदन के सिवा भोपाल में प्रोस्थेटिक आई लैब (Prosthesis Eye Center) कहीं और नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद ब्लैक फंगस की वजह से कई लोगों को अपनी आंख गंवाई थी।    

मात्र 15 हजार का खर्च

रिकॉर्ड के मुताबिक, सेवा सदन में हर महीने 4-6 मरीज आते हैं जिनकी आंखे नहीं होती। हाल ही में दो मरीजों ने इस लैब में आर्टिफिशियल आंखे लगवाई जो बिल्कुल असली आंख जैसी दिखती थी। आंख लगाने में करीब 15 हजार का खर्च आता है, जबकि दूसरे शहरों में इसका खर्च 30 से 50 हजार रुपए है।

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