जितेंद्र सिंह, GWALIOR. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर ने अशोक नगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी पर दस हजार रूपए का हर्जाना लगाया है। हर्जाना उन गवाहों को देना होगा जो कोर्ट में गवाही के लिए उपस्थित हुए थे, लेकिन जज्जी द्वारा समय मांगे जाने पर गवाही नहीं हो सकी। कोर्ट ने गवाहों को बतौर खर्चा दस हजार रुपए भुगतान करने का आदेश दिया है।
जज्जी पर 10 हजार का हर्जाना
उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में अशोक नगर विधायक जजपाल सिंह जज्जी के 2018 का निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका (इलेक्शन पिटीशन) लंबित है। सोमवार (8 मई) को उच्च न्यायालय की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता लड्डूराम कोरी की ओर से चार गवाह न्यायालय में उपस्थित हुए। लेकिन जज्जी द्वारा न्यायालय से 2019 में बनाए गए वाद-प्रश्नों में संशोधन करने को लेकर आवेदन प्रस्तुत कर समय मांगा गया, जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गवाही के लिए चार गवाह अशोक नगर से ग्वालियर न्यायालय में उपस्थित हैं। न्यायालय में आने पर काफी खर्चा हुआ है, जिस पर न्यायालय ने जजपाल सिंह जज्जी को गवाहों को दस हजार रूपए हर्जाना देने का आदेश दिया है।
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2018 में जज्जी के खिलाफ बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था
दरअसल अशोक नगर विधानसभा सीट से 2018 में बीजेपी की टिकट पर लड्डूराम कोरी ने जजपाल सिंह जज्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। जजपाल सिंह जज्जी चुनाव जीत गए थे। लड्डूराम कोरी ने 2019 में जजपाल सिंह जज्जी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में याचिका प्रस्तुत की। साथ ही जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती देने के लिए एक अन्य रिट याचिका भी लगाई। उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने जज्जी का जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिया था। इस पर जजपाल सिंह जज्जी को युगलपीठ से स्थगन प्राप्त हो गया है। लेकिन इलेक्शन पिटीशन पर सुनवाई जारी है। सोमवार (8 मई) को इलेक्शन पिटीशन में गवाही होना था। याचिकाकर्ता की ओर से न्यायालय में चार गवाह उपस्थित थे। जजपाल सिंह जज्जी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय से 2019 में निर्मित वाद-प्रश्रों में संशोधन की मांग की। लड्डूराम कोरी के अधिवक्ता संगम जैन की ओर से विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि विपक्षी किसी ना किसी तरह केस में लंबित कारित करने का प्रयास किया जा रहा है। गवाही के स्तर पर वाद-प्रश्र में संशोधन स्वीकार करने योग्य नहीं है।