भिंड को प्लास्टिक मुक्त करने की शुरुआत दंदरौआ धाम मंदिर से, बुढ़वा मंगल पर्व Plastic Free होगा

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
भिंड को प्लास्टिक मुक्त करने की शुरुआत दंदरौआ धाम मंदिर से, बुढ़वा मंगल पर्व Plastic Free होगा

सुनील शर्मा,BHIND. भिंड के प्राचीन हनुमान मंदिर दंदरौआ धाम में बुढ़वा मंगल पर लाखों भक्तगण दंदरौआ सरकार के दर्शन के लिए पहुंचेंगे। हर बार की तरह इस बार भी बुढ़वा मंगल पर बड़ा मेला लगेगा। जगह- जगह भंडारे और लंगर चलेंगे। लेकिन इस बार ये पर्व प्लास्टिक फ्री होगा।दरअसल आने वाले 6 सितंबर को बुढ़वा मंगल पर्व मनाया जाएगा। पूरे देश के सभी बड़े हनुमान मंदिरों के श्रद्धालु अपने आराध्य अंजनिपुत्र रामभक्त हनुमान के दर्शन के लिए पहुचेंगे। भिंड के मेहंगाव में स्थित प्राचीन दंदरौआ सरकार के दर्शन पाने के लिए भी लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस ने व्यवस्थाए बनाना शुरू कर दी हैं।



प्लास्टिक फ्री होगा दंदरौआ धाम मेला



इस बार प्रशासन के साथ ही मंदिर ट्रस्ट और प्रबंधन ने भी प्रकृति और अध्यात्म को जोड़ने वाला एक नया कदम उठाया है। मंदिर के महंत रामदास महाराज ने इस साल बुढ़वा मंगल पर्व से दंदरौआ धाम को प्लास्टिक फ्री बनाने का संकल्प लिया है। महंत रामदास महाराज का कहना है कि पर्यावरण को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है।उन्होंने बताया कि बुढ़वा मंगल के दिन दंदरौआ धाम पर विशाल मेला लगता है।



रामदास की श्रद्धालुओं से अपील 



मंदिर के रास्ते में कई भक्तगण भंडारे और लंगर के स्टॉल लगाते हैं, जिनमें वन टाइम यूज्ड प्लास्टिक के ग्लास प्लेट में प्रसादी या पानी के पॉली पेक पाउच का वितरण किया जाता हैं। इनका इस्तेमाल होने पर यही प्लास्टिक और पोलिथिन कचरा हर तरफ बिखरा दिखाई देता है,जो गंदगी फैलता है,जो पर्यावरण और स्वच्छता के लिहाज से ठीक नहीं है। रामदास ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि मंदिर परिसर में वन टाइम यूज्ड प्लास्टिक फ्री का इस्तेमाल करें और पर्यावरण को सुरक्षित रखे। लंगर या स्टॉल संचालित करते समय किसी भी प्रकार की वन टाइम यूज्ड प्लास्टिक के डिस्पोजल आइटम न रखे। पानी पीने के लिए भी कागज के ग्लास का उपयोग करें,जिससे पर्यावरण साफ रहे। 



मंदिर में प्रसाद ले जाने की नहीं होगी अनुमति



इस बार मंदिर में प्रसादी गर्भ ग्रह तक ले जाने की भी अनुमति नहीं रहेगी। इसके पीछे भी बड़ी वजह ये बताई गई है की अक्सर भीड़ में श्रद्धालु प्रसाद चढ़ाने के नाम पर भगवान के आगे फैंकने लगते हैं। इस वजह से भगवान को चढ़ा हुआ प्रसाद जमीन पर गिरकर पैरों में जाता है, जो की प्रसादी का अपमान होता है। ऐसे में इस बार एक पात्र मंदिर के बाहर रखा जाएगा,जहां से पुजारी भगवान को प्रसादी का भोग लगाएंगे और श्रद्धालुओं को वितरित करेंगे।



पुलिस ने व्यवस्थाए बनाना की शुरू



इस बार पुलिस ने भी बुढ़वा मंगल को लेकर रूट चार्ट तैयार किया है। इसमें तीन पार्किंग पॉइंट बनाए गए हैं। इसके अनुसार ग्वालियर और गोहद से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर तीन किमी पहले मंगरौल पर अपने वाहन खड़े करना होंगे। वहीं भिंड-मेहगांव की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को भी मंदिर से तीन किमी पहले चिरौल गांव के पास पार्किंग स्थल पर अपने वाहन खड़े कर पैदल चलकर दर्शन के लिए पहुंचना होगा। मौ की ओर से आने वाले भक्तों को तो मंदिर से पांच किमी पहले ही घमूरी गांव के पास वाहन खड़े कर पैदल सफर करना पड़ेगा। बताया जाता है कि भिंड,मुरैना,दतिया,श्योपुर जिलों के लोग एक दिन पहले ही देर शाम से पैदल निकलना शुरू कर देते हैं। लाखों की तादात में सड़क पर लोग पैदल जा कर डॉक्टर हनुमान के दर्शन करते है। 



लगभग दस लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे दंदरौआ धाम



हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश,राजस्थान,हरियाणा,दिल्ली,गुजरात,महाराष्ट्र समेत आसपास के जिलों से भी 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को पहुंचेंगे की उम्मीद जताई जा रही है। लोगों की माने तो डॉक्टर हनुमान का मंदिर 500 साल पुराना है। यहां पर डॉक्टर हनुमान की एक छोटी सी मट्ठी हुआ करती थी, जिस पर लोग पूजा अर्चना करते थे। लेकिन आज मंदिर का विस्तार सैकड़ों एकड़ में हो करके फैल चुका है।भक्तों का मानना है कि फोड़ा फुंसी से लेकर कैंसर जैसी बीमारियां डॉक्टर हनुमान की पांच परिक्रमा मात्र करने से ठीक हो जाती है।


दंदरौआ धाम मेला प्लास्टिक मुक्त दंदरौआ धाम मेला हनुमान मंदिर dandroua dham fair plastic free dandroua dham fair hanuman temple
Advertisment