संजय गुप्ता, INDORE. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 21 नवंबर को मध्यप्रदेश में प्रवेश करने जा रही है। वे 12 दिन प्रदेश में रहेंगे। यात्रा के दौरान राहुल हर मोर्चे पर सरकार को घेरेंगे। यात्रा के जरिए वे ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलेंगे और अपना मिशन रखने की कोशिश करेंगे। इसकी पूरी रूप रेखा प्रदेश कांग्रेस ने तैयार कर ली है। कांग्रेस इस यात्रा के जरिए 10 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी भी कर रही है।
3 दिन इंदौर में रहेंगे राहुल गांधी
इसलिए इसमें तरह-तरह की गतिविधियां भी जोड़ी जा रहीं हैं। इसके तहत जगह-जगह आदिवासी लोकनृत्य का आयोजन होगा। उज्जैन में वे बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे। वहीं बड़वाह में नर्मदा पर नाव भी चलाएंगे और यहीं पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे जिसमें अवैध खनन सहित स्थानीय मुद्दे शामिल रहेंगे। इंदौर में बेरोजगारी, सरकारी नौकरियों में भर्ती, पेंशन स्क्रीम जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेंगे। इंदौर की पूरी तैयारी संजय शुक्ला और विशाल पटेल संभालेंगे। दोनों कांग्रेस के विधायक हैं। जबकि मॉनिटरिंग कमलनाथ द्वारा की जाएगी।
बुरहानपुर से यात्रा की एंट्री
राहुल गांधी की यात्रा 20 नवंबर को बुरहानपुर के बोडरली गांव पहुंचेगी। यात्रा इंदौर जिले में तीन दिन रहेगी, जबकि बाकी के 13 दिन प्रदेश में रहेगी। राहुल गांधी प्रदेश में 382 किमी का सफर तय कर तीन दिसंबर की शाम को आगर जिले के सुसनेर विधानसभा से राजस्थान में एंट्री करेंगे।
इस तरह की गई भारत जोड़ो यात्रा की प्लानिंग-
- बुरहानपुर में प्रवेश करने पर यहां स्वागत के लिए एक लाख लोगों को बुलाने की तैयारी की जा रही है। यहां पर राहुल का स्वागत कोरकू संस्कृति से होगा। पूरी यात्रा में मप्र की चित्रमय झांकी चलेगी।
बुरहानपुर में सबसे बड़ी समस्या पेयजल है। नल में जल मिशन की पोल खोली जाएगी। यहां जनजातीय समाज से मुलाकात होगी और ग्रामीण लोकनृत्य होगा।
खंडवा जिले में मिल बंद होने का मुद्दा उठाया जाएगा। इसे लेकर छैगांव, माखन गांव में नुक्कड नाटक होगा।
रास्ते में गणगौर नृत्य होगा, साथ ही देवता राणुबाई और धनियार सूर्य को याद करेंगे।
निमाड़ में यात्रा के प्रवेश करने पर संत सिंगाजी के भजन होंगे, प्रसिद्ध काठी नृत्य भी कलाकार करेंगे।
बड़वाह में नर्मदा नदी को नाव से पार करेंगे, इस दौरान कुछ चुनिंदा पत्रकारो को नाव में ले जाने की भी प्लानिंग है। साथ ही किनाने पर प्रेस काॉफ्रेंस प्रस्तावित है, जिसमें रेत खनन जैसे मुद्दे उठाए जाएंगे।
रात्रि विश्राम होगा, यात्रा में मांडल्या नृत्य भी होगा। काठी नृत्य भी होगा।
इस दौरान किसान, छात्र, उद्यमी, सामाजिक न्याय से जुड़े समाजसेवियों, ग्रामीणों, बुद्धजीवियों और महीलाओं से भी मुलाकात करेंगे।
यह भी तय किया गया है कि इंदौर आने से पहले पहाड़ों से गुजरते समय राहुल गांधीगीरी करेंगे। यहां वह ग्राम स्वराज से जुड़े लोगें से बात करेंगे, जो गांव के विविध मुद्दों पर रिसर्च कर रहे हैं। इसमें इससे जुड़े छात्र और शिक्षाविद् रहेंगे।
इंदौर में प्रवेश करने पर राहुल गांधी का स्वागत मालवा के पंरपरागत तरीके से होगा। इसमें महिलाएं सिर पर कलश लिए रहेंगी। वहीं युवा हाथों में तिरंगा लेकर लहराएंगे और उनका स्वागत करेंगे।
यहां प्रेस कॉफ्रेंस होगी, जिसमें महिला अत्याचार, कुशासन, दलित-आदिवासी अत्याचार, किसान, महंगाई, बेरोजगारी, पदोन्नति में देरी, पेंशन, भर्ती, सिंहस्थ में जमीन पर कब्जा, साफ पेयजल की कमी जैसे मुद्दों को राहुल गांधी प्रमुखता से उठाएंगे।
इसके बाद यात्रा आगे बढ़ेगी, जिसमें चुने हुए प्रतिनिधियों से चौपाल होगी। उज्जैन में यात्रा का स्वागत बटुकों द्वारा मंत्रोच्चार से होगा। यहां राहुल गांधी महाकाल के दर्शन भी करेंगे। मंदिरों की चित्रमय झांकी प्रदर्शित होगी। गणगौर, मटकी, अडा-खडी रजवाडी नृत्य होंगे। प्रह्लाद टिपनिया के कबीर वाणी भी रात्रि को होगी। आगरा सुसनेर में किसानों से चौपाल भी करेंगे।
बड़वाह से आगे बढ़कर यात्रा सिमरोल तलाई नाका होते हुए तेजाजीनगर पहुचेंगी। फिर कलेक्टर ऑफिस पहुंचेगी यहां नुक्कड़ सभा होगी। 26 नवंबर को यात्रा इंदौर में रहेगी। इसके बाद खालसा क़ॉलेज में रात्रि विश्राम होगा।
यह यात्रा हर दिन लगभग 20-25 किलोमीटर की यात्रा तय करेगी। यात्रा की अगुवाई राहुल गांधी करेंगे और अलग-अलग राज्यों में उस राज्य के नेता भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ते रहेंगे।