सरकारी अस्पतालों में बिगड़ी हालत: एक बेड पर दो- दो मरीजों का इलाज, वादे नहीं हुए पूरे

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सरकारी अस्पतालों में बिगड़ी हालत: एक बेड पर दो- दो मरीजों का इलाज, वादे नहीं हुए पूरे

भिंड. कोरोना की दूसरी लहर से सरकार ने कोई सीख नहीं ली है। इसका अंदाजा आप भिंड में चल रहे बच्चों के इलाज से लगा सकते है। प्रदेश में वायरल का प्रकोप चल रहा है,जिसका सीधा असर बच्चों पर नजर आ रहा है। ग्वालियर के कमलाराजा अस्पताल में 80 से ज्यादा भर्ती थे, जिनमें से 4 की मौत हो गई थी। वहीं हाल भिंड के जिला अस्पताल का है। यहां पर एक – एक बेड पर दो से तीन मरीजों को रखा जा रहा है।

दो जिलों से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है

ग्वालियर-चंबल और भिंड में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बच्चों की हालत इतनी घराब है कि उन्हें बेड नहीं मिल रहा है। जिला अस्पताल में बच्चों को लेकर मजबूरी में ही पेरेंट्स आते है। इसके अलावा पास के गांव लोग गोहद, गोरमी, मालनपुर और मौ के लोग जिला अस्पताल आते है। इसके अलावा भिंड जिले के रौन, मिहोना, अटेर के लोग भी भिंड जिला अस्पताल में भर्ती कराते है।

नर्सिंग स्टाफ के भरोसे है अस्पताल

बच्चों के इलाज के लिए नर्सिंग स्टाफ के भरोसे छोड़ा गया है। बच्चों को सुबह और शाम को ही चिकित्सक देखने पहुंचते हैं। बाकी वक्त नर्सिंग स्टाफ अपनी योग्यता के हिसाब से इलाज करवाते है। अस्पताल में व्यवस्थाएं के नाम पर कुछ भी नहीं हबै। बेड की चादरें भी दो दिन पर बदली जा रही है।  

TheSootr bhind people are getting treatment two patients on one bed promises not fulfilled