भिंड. प्रदेश के अलग- अलग जिलों से मिलावट की खबरें सामने आ रही है। चंबल में मिलावटखोरी अपने चरम पर है। माफियाओं के खिलाफ पुलिस लगातार सख्ती करती हुई नजर आ रही है। 25 अक्टूबर को पुलिस ने 500 किलो मावा पकड़ा था। वहीं, भिंड जिले में रोजाना 10 टन नकली मावा तैयार किया जाता है। ऐसा बताया जा रहा है कि दिवाली पर 6 करोड़ का मिलावटी मावा बेचने की तैयारी है। इन्हें मुंबई से दिल्ली तक बेचने की तैयारी है।
केमिकल वाला मावा
बाजार में मावा 250 रुपए से ज्यादा प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है। यहां तैयार मिलावटी मावा की सप्लाई दक्षिण भारत, नागपुर,पुणे, मुंबई, दिल्ली, आगरा और मथुरा तक किया जाता है। जिले में करीब 100 से ज्याद अवैध फैक्ट्रियां हैं। इन्हें बनाने के लिए कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें यूरिया, अमोनिया और शैम्पू का यूज होता है।
कहां बनाया जाता है मावा
मिलावटी मावा भिंड के गोरमी, बरोही, पावई, फूप, अटेर, सुरपुरा,लहार, दबोह,मिहोना, आलमपुर जैसे छोटे- बड़े गांव में तैयार किया जाता है। करीब 40- 50 गांव में मावा कारोबारी हैं। इस कारोबार में करीब 1500 से अधिक लोग जुड़े हैं।