भोपाल में राज्य पुलिस सेवा की अधिकारियों का शिवराज को ज्ञापन, मांग- 25 साल से अफसरों को IPS अवॉर्ड नहीं, SPS के 275 लोग कतार में

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Atul Tiwari
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भोपाल में राज्य पुलिस सेवा की अधिकारियों का शिवराज को ज्ञापन, मांग- 25 साल से अफसरों को IPS अवॉर्ड नहीं, SPS के 275 लोग कतार में

BHOPAL. मध्य प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा (SPS) की महिला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने मांग की कि कई साल से राज्य पुलिस सेवा में नौकरी के बाद भी आईपीएस अवॉर्ड नहीं हुआ है। महिला अफसरों ने 21 अप्रैल को मुख्यमंत्री से मिलकर बताया कि मध्य प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी कैडर कुप्रबंधन (CADRE MISMANAGEMENT) के चलते वर्तमान में कई विसंगतियों और परेशानियों का सामना कर रहे हैं। देश में ज्यादातर राज्यों में राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में 10 से 15 साल सर्विस वाले अधिकारियों का चयन हो रहा है। वहीं, मध्यप्रदेश में 25 साल से ज्यादा सर्विस वाले SPS अधिकारी भी कैडर के समुचित प्रबंधन ना होने से भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अवॉर्ड होने वंचित रह रहे है।



आवेदन में ये लिखा



मध्‍य प्रदेश में राज्य और पुलिस सेवा का कैडर राज्य का सबसे बड़ा कैडर है, जिसमें वर्तमान में 1269 अधिकारी हैं। IPS Appointment by Promotion Regulation 1955 के अनुसार देश के अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश में भी भारतीय पुलिस सेवा में अधिकारी 67% सीधी भर्ती से आते हैं और 33% राज्यर पुलिस सेवा के उत्कृ ष्टभ एवं लम्बीव सेवा अधिकारियों में से चयनित होते हैं। IPS Appointment by Promotion 1955 Regulation 5(1) के अनुसार, 8 साल के सेवाकाल के बाद ही राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में चयन की पात्रता आती है। स्थिति इतनी गंभीर है कि भारतीय पुलिस सेवा में चयन की पात्रता रखने वाले लगभग 275 अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा में चयन के लिए इंतजार कर रहे हैं। इसके कारण बड़ी संख्या में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को पूरी सर्विस में एक पदोन्नति मिले बिना रिटायरमेंट की स्थिति बन रही है। इससे ना केवल उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है, लेकिन राज्य और पुलिस सेवा के अधिकारियों के मनोबल, आत्मसम्मान और कर्तव्यपरायणता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।  



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राज्य पुलिस सेवा के अफसरों की 10 मांगें



1. वर्तमान में प्रचलित राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में चयन के लिए अधिकतम आयु सीमा 56 वर्ष है। IPS Appointment by Promotion Regulation 1955  Regulation 5(3) के चलते उत्कृष्ट सेवा और सीनियरटी के बाद भी SPS अधिकारी IPS में चयन से वंचित हो जाते हैं। उदाहरण के लिए- वर्तमान में मध्य प्रदेश में उत्कृष्ट सेवा के करीब 150-200 ऐसे राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी होंगे, जो इस आयु सीमा के कारण बिना भारतीय पुलिस सेवा में गए रिटायर हो जाएंगे। लिहाजा 56 साल की अधिकतम आयु सीमा को खत्म किया जाए। 



2. वर्तमान परिदृश्य में मध्य प्रदेश में सीधी भर्ती के आईपीएस के 38 पद खाली हैं। जहां एक ओर हर साल प्रदेश में सीधी भर्ती के 2 से 4 अधिकारी संघ लोक सेवा आयोग से चयनित होकर आवंटित होते हैं। वहीं, दूसरी ओर हर साल सीधी भर्ती के IPS अधिकारी भी रिटायर होते हैं। वर्तमान में मौजूद सीधी भर्ती के भारतीय पुलिस सेवा के रिक्त पदों को One Time Exemption देकर मध्य प्रदेश के राज्य पुलिस सेवा के उत्कृष्ट और लंबी सेवा के अधिकारियों को उपलब्ध कराएं। इस One Time Exemption से भारतीय पुलिस सेवा के सीधी भर्ती के अधिकारियों को उपलब्ध होने वाले पदों की संख्या में कोई कमी नहीं होगी, क्योंकि सीधी भर्ती के अधिकारी हर साल रिटायर होते ही हैं। इसके अलावा Dying Cadre की अवधारणा के तहत इन पदों को फिर भारतीय पुलिस सेवा के सीधी भर्ती के पदों में सम्मिलित किया जा सकता है। लिहाजा वर्तमान में मौजूद सीधी भर्ती के भारतीय पुलिस सेवा के खाली 38 पदों को One Time Exemption देकर मध्य प्रदेश के राज्य पुलिस सेवा के उत्कृष्ट और लंबी सेवा के अधिकारियों को उपलब्ध  कराया जाए।



3. अखिल भारतीय सेवाओं के लिए नियमानुसार निर्धारित हर 5 वर्ष में होने वाला कैडर रिव्यू मध्य प्रदेश राज्य के लिए वर्ष 2000 में मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ राज्य  विभाजन के बाद 2000 में ना होकर 3 साल देरी से 2003 में हुआ। इसी प्रकार 2008 में होने वाला पंचवर्षीय कैडर रिव्यू  2009 में एक साल देरी से हुआ। 2013 में होने वाला कैडर रिव्यू 2 साल देरी से 2015 में और 2018 का कैडर रिव्यू 4 साल देरी से 2022 में हुआ। इस प्रकार मध्य प्रदेश विभाजन से लेकर अभी तक के 4 कैडर रिव्यूज में ही 10 साल की देरी हो चुकी है। इसके अतिरिक्त भारतीय पुलिस सेवा के कैडर रिव्यू में 5% से ज्यादा पद ना बढ़ाए जाने की एक अधिकतम सीमा, प्रधानमंत्री कार्यालय के संदर्भ से लगाई जा रही है, जबकि प्रधानमंत्री कार्यालय ने 2010 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में कैडर रिव्यू में 5% से ज्यादा पद ना बढ़ाने का पत्र लिखा था। इस पत्र का भारतीय पुलिस सेवा कैडर रिव्यू से कोई संबंध नहीं है। लिहाजा एक विशेष कैडर रिव्यू 2023 में बिना 5% अधिकतम पदों की संख्या निर्धारण के साथ किया जाए। 



4. वर्तमान में राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में चयन के लिए सिर्फ 33% का कोटा है। जबकि भारतीय पुलिस सेवा में चयन के लिए ही मात्र 33% का कोटा है। अन्य ग्रुप ए की सेंट्रल सर्विसेज जैसे IFS, IRS, IRTS आदि में ग्रुप बी से चयन हेतु 50% कोटा है। लिहाजा भारतीय पुलिस सेवा में चयन के लिए SPS अधिकारियों को 50% कोटा उपलब्ध कराया जाए। 



5. वर्तमान में कुछ राज्यों में भारतीय पुलिस सेवा में चयन के लिए राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी उपलब्ध ना होने एवं कुछ राज्यों में इनकी अधिकता होने से भारी असमानता है। ऐसे में राज्यों के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के भारतीय पुलिस सेवा में चयन के लिए पात्र अधिकारियों का एक सेंट्रल पूल तैयार किया जाए, जिसमें  सहमति बनने पर जिन राज्यों में कमी है, वहां उन्हें भारतीय पुलिस सेवा में चयन हेतु पात्र माना जाए। 



6. केंद्रीय पुलिस संगठनों, सेना, एयरफोर्स, नेवी में प्रमोशन के लिए किसी विशिष्ट‍ कैडर में जाने की अनिवार्यता नहीं है। जबकि राज्य पुलिस सेवा में एसपी और इसके ऊपर के पदों पर जाने के लिए भारतीय पुलिस सेवा संवर्ग में चयन की अनिवार्यता है। इसके कारण सैकड़ों उत्कृष्ट  सेवा के राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी बिना प्रमोशन ही रिटायर हो जाते हैं। अत: केंद्रीय पुलिस संगठनों और सशस्त्र बलों के समान प्रमोशन दिया जाए। इस राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों के लिए एसपी, डीआईजी के पद रिजर्व किए जाएं। 



7. भारतीय पुलिस सेवा संवर्ग में वरिष्ठ ड्यूटी पदों (Senior Duty Posts) का 16.5% लीव, जूनियर पोस्टर रिजर्व ( Leave & Junior Posts Reserve ) का होता है। इसे राज्य पुलिस सेवा के पदोन्नति कोटा की गणना करते समय नहीं जोड़ा जाता (मात्र SDP, SDR, Training Reserve व CDR को ही जोड़ा जाता है)। लिहाजा 16.5% का 33% कोटा राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को नहीं मिल पाता। अत: भारतीय पुलिस सेवा संवर्ग के 16.5% लीव और जूनियर पोस्टर रिजर्व (Leave& Junior Posts Reserve) को भी 33% पदोन्नति की पदों की गणना करते समय शामिल किया जाए। 



8.    मध्ययप्रदेश में राज्य  पुलिस सेवा संवर्ग को अभी तक पांचवां वेतनमान (8900 ग्रेड पे) नहीं मिला है, जबकि एक ही प्रतियोगी परीक्षा से समकक्ष सेवा में भर्ती राज्य प्रशासनिक सेवा (SAS) और राज्य वित्त सेवा संवर्ग को 5वां वेतनमान 2018 से ही मिल रहा है। इस संबंध में पुलिस मुख्यातलय का पत्र क्र./पु.मु./1/रापुसे/3/309/2022 दिनांक 29-04-2022 के द्वारा अपने पूर्व पत्रों एवं शासन की पृच्छारओं के अनुक्रम में शासन को विस्तृत रूप से भेजा गया है।



9. राज्या पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को पूर्व की तरह जिला एसपी और बटालियन में सेनानी के पद पर पदस्थ  करना चाहिए । 



10.    राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के अधिकारियों की अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति की सीमा अत्यंत सीमित है। कैडर प्रबंधन और गरिमा  राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के अधिकारियों को अन्य विभागों जैसे पर्यटन, विधानसभा सुरक्षा, जेल विभाग, पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन खेल विभाग, नगर निगम, गृह विभाग (वल्लभ भवन) में डेपुटेशन पर भेजे जाने के लिए पद सुनिश्चित किए जाएं।


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