एससी बहुल सीट आमला पर है बीजेपी की मजबूत पकड़, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी बिगाड़ देती है राजनैतिक समीकरण

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Vivek Sharma
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एससी बहुल सीट आमला पर है बीजेपी की मजबूत पकड़, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी बिगाड़ देती है राजनैतिक समीकरण

AMALA.  बैतूल जिला ताप्ती नदी के उद्गम स्थल के रुप में जाना जाता है। अकबर के नौ रत्नों में से एक टोडरमल के अखंड भारत के केन्द्र बिन्दु पर बसा जिला जिला है बैतूल। यहां आदिवासी संस्कृति का बोलबाला है। यहां स्थित सारणी का थर्मल प्लांट एशिया के सबसे बड़े तापीय बिजली संयंत्रों में से एक है। यहां पावर प्लांट कोयला आधारित है। आमला विधानसभा सीट बैतूल जिले की महत्वपूर्ण सीट है। ये विधानसभा सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए रिजर्व है।



सियासी मिजाज 



साल 1977 में अस्तित्व में आई आमला विधानसभा सीट से पहली बार कांग्रेस के गुरबक्श अतुलकर विधायक बने। अब तक यहां हुए 10 चुनावों में 6 बार बीजेपी, 4 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की। पिछले 15 सालों से यहां लगातार बीजेपी जीत दर्ज करती आ रही है। साल 2018 में यहां से बीजेपी के योगेश पंडाग्रे ने कांग्रेस के मनोज माल्वे को करीब 20 हजार मतों से हराया था।



सियासी समीकरण 



 इस सीट पर बीजेपी का प्रभाव ज्यादा है। यहां मुद्दे और जातिगत समीकरण के साथ साथ चेहरे को भी महत्व दिया जाता है। साल 2018 में दोनों ही दलों ने अपने अपने उम्मीदवार बदले थे। यहां अधिकतर समय सत्ताधारी पार्टी का ही विधायक रहा। बावजूद इसके कई मुद्दे ऐसे हैं जो आज तक भी समाधान की राह देख रहे हैं।



जातिगत समीकरण 



 आमला सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है लेकिन यहां जातिगत राजनीति का कोई खास असर नहीं है। अनुसूचित जाति, जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में ओबीसी वोट भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यहां गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और बागी उम्मीदवार दोनों ही दलों के प्रत्याशियों के हार-जीत के समीकरण बना या बिगाड़ देते हैं।



मुद्दे



 अन्य आदिवासी जिलों की तरह यहां भी मुद्दों की कोई कमी नहीं है। इस इलाके में रोजगार-शिक्षा और स्वास्थ्य तो बड़ी समस्याएं है। तो वहीं सारणी में बंदरों के आतंक से जनता भारी परेशान है। इलाके में स्वास्थ्य सेवाओं के हाल बेहाल है...वहीं तवा नदी में तेजी से अवैध खनन चल रहा है..जिसे लेकर जनता मुखर है। इलाके की खराब कानून व्यवस्था को लेकर भी जनता में भारी नाराजगी है।

इन तमाम सवालों को जब हमने राजनीतिक पार्टियों के नुमाइंदों से पूछा तो दोनों ही दलों के नेता एक-दबसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते दिखे

द सूत्र ने जब इलाके के प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ पत्रकारों, और आमजनता से बात की तो कुछ सवाल निकलकर आए।




  • विधायक निधि से इलाके में क्या विकास कार्य करवाए ?


  • आपके इलाके में किसानों को खाद नहीं मिल रहा, इस पर क्या कहेंगे ?

  • इलाके में रोजगार के लिए आपने क्या प्रयास किए ?

  • मूलभूत सुविधाओं के लिए आपने क्या प्रयास किए ?

  • शिक्षा का स्तर बेहतर हो इसके लिए क्या प्रयास किए?



  • जनता के इन सवालों के विधायक योगेश पंडाग्रे ने जवाब दिए आइए आपको सुनाते हैं क्या बोले योगेश पंडाग्रे।




    • जनता के सवालों के जवाब में बोले विधायक योगेश पंडाग्रे


  • 'इलाके में सड़कों के लिए राशि दी'

  • 'इलाके में किसानों की परेशानी के लिए आंदोलन किए'

  • 'कमलनाथ सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध किया'

  • 'शिवराज सरकार ने हर किसान को खाद मिले इसके प्रयास किए'

  • 'सरकारी अस्पताल में सुविधा बढ़ाने के लिए प्रयासरत हूं'

  • 'विकास के कामों कोई अधिकारी रोकता है तो सख्ती करते हैं'

  • '2023 में बीजेपी की सरकार होगी, शिवराज सीएम होंगे'



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