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New Delhi. हाईस्पीड इंटरनेट सेवा मुहैया कराने में बीएसएनएल फिसड्डी साबित हुआ है, केंद्र सरकार के आंकड़ों की मानें तो दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल मध्यप्रदेश के महज 102 गांवों को ही 4G मोबाइल की सेवा उपलब्ध करा रही है। वहीं 395 गांवों में आज भी 3G सेवा उपलब्ध है। वहीं निजी कंपनियां BSNL से कहीं आगे हैं। सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी है कि 3G और 4G सेवाएं रोल आउट होने के बाद ही बीएसएनएल 5G सेवाएं उपलब्ध कराएगा। इसके लिए उसे स्पेक्ट्रम भी आवंटित किया जा चुका है।
सरकार ने बताया है कि प्रदेश में निजी कंपनियां 5 जिलों में 5G सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं। इस बाबत बालाघाट सांसद ढालसिंह बिसेन ने संसद में सवाल पूछा था, जिसके जवाब में सरकार की ओर से यह जवाब दिया गया।
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इन जिलों में 5G सेवा
बीएसएनएल से संबंधित सवाल के जवाम में केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने लोकसभा में बताया कि निजी क्षेत्र की कंपनी एयरटेल इंदौर और उज्जैन में 5G सेवा दे रही है, इसके अलावा रिलायंस जियो इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में यह सेवा उपलब्ध करा रही है।
सरकार ने बताया कि 5G सेवाएं प्रदान करने के लिए बीएसएनएल को सभी लाइसेंसी क्षेत्र में 600 मेगाहर्ट्ज बैंड में 10 मेगाहर्ट्ज का पेयर्ड स्पेक्ट्रम, 33 सौ मेगाहर्ट्ज बैंड में 40 मेगाहर्ट्ज बैंड और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज बैंड रिजर्व किया है। बीएसएनएल 4G सेवाएं रोलआउट किए जाने के बाद 5G सेवाएं शुरू की जाएंगी।
प्रदेश में मोबाइल सेवाओं के यह हाल
सरकार ने बताया कि बीएसएनएल प्रदेश के 395 गांवों में 3G सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। इनमें सबसे ज्यादा गांव छिंदवाड़ा जिले के हैं। बैतूल के 28 गांवों में यह सुविधा दी जा रही है। ग्वालियर के एक जिले में ही बीएसएनएल 3G सुविधा दे पाया है। वहीं 4G की सेवा केवल 102 गांवों में उपलब्ध हो पाई है। ग्वालियर जिले के एक भी गांव में बीएसएनएल की यह सेवा उपलब्ध नहीं है।