Jabalpur. जबलपुर के केंद्रीय आयुध डिपो सीओडी में अनेक कर्मचारियों का भनक भी नहीं लग पाई और उनके नाम पर लाखों का लोन ले लिया गया था। मामले का खुलासा हुआ तो हड़कंप मचा और जांच भी हुई। मामला पुलिस के पास भी पहुंचा, जिसके बाद पुलिस ने सीओडी सहकारी वेलफेयर सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष प्रेमकिशोर तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है।
ऐसे किया था घोटाला
दरअलस प्रेम किशोर तिवारी साल 2022 तक सीओडी सहकारी वेलफेयर सोसायटी का अध्यक्ष था। उसने तत्कालीन पूर्व प्रबंधक वीएम नायर और कैशियर सुरेश शाह के साथ मिलीभगत की और दर्जनों कर्मचारियों के नाम पर सोसाइटी से लोन ले लिया। सोसायटी ने सदस्य गणेश मद्रासी, उमेश कुमार शुक्ला, मुकेश विश्वकर्मा समेत अन्य को नोटिस जारी कर लोन की राशि का तकाजा दिया तो इस उलटबासी का भंडाफोड़ हुआ। क्योंकि असल में इन लोगों ने कभी सोसाइटी से लोन लिया ही नहीं था। मामले की पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि सोसायटी के अनेकों सदस्य बेमतलब में कर्जदार हो चुके थे।
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इतनी बड़ी गफलत उजागर होने के बाद कर्मचारियों ने मामले की गहन जांच की मांग की थी। जिसके बाद हुई जांच और पुलिस को की गई शिकायत में पूर्व अध्यक्ष प्रेम किशोर तिवारी को मुख्य आरोपी पाया गया है। पुलिस ने आरोपी पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। गुरूवार को आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
सीओडी में चल रही एक से बढ़कर एक धांधली
यह पहली बार नहीं है कि सीओडी के किसी कर्मचारी की करामात के चलते संस्था का नाम बदनाम हुआ हो। कुछ साल पहले पुरुषोत्तम नाम के एक कर्मचारी को डिपो में जमा खराब एके 47 के कलपुर्जों से गन असेंबल करने के आरोप लगे थे। मामला इतना संगीन था कि प्रबंधन में हड़कंप मचा था। मामले का खुलासा बिहार में पकड़ी गई एके 47 के बाद हुआ था। वहीं अब कर्मचारियों के नाम पर लोन निकाले जाने के मामले से सीओडी की छवि धूमिल हुई है।