NARMADAPURAM. सरकारी नौकरी में बाबू का अहम रोल रहता है। यूं कहें तो कोई गलत बात नहीं होगी कि एक तरह से पूरा ऑफिस 'बाबू' यानी क्लर्क ही चलाते हैं। और उनके अफसर भी उन पर पूरा भरोसा करते हैं। इनकी करतूतों के आमजन के परेशान होने की शिकायतें भी खूब मिलती ही रहती हैं, लेकिन अब मामला अफसर के परेशान होने का सामने आया है। हुआ यूं कि भारतीय वन सेवा (इंडियन फॉरेस्ट सर्विस) में सीसीएफ (मुख्य वन संरक्षक) एसकेएस तिवारी, बाबू की छोटी सी गलती के कारण तीन महीने पहले रिटायर हो गए। जन्मतिथि में हुई गलती को लेकर तिवारी, रिटायर होने से एक साल पहले से इसमें सुधार के प्रयास करते रहे, लेकिन नहीं हुआ और उन्हें 31 मार्च को रिटायर कर दिया गया।
प्री-मैच्योर रिटायरमेंट से तनाव में
तिवारी ने बताया कि उनकी जन्मतिथि 12 जून 1963 है। यही तारीख उनकी सर्विस बुक और मार्कशीट में भी दर्ज है, लेकिन एक बाबू की गलती की वजह से उन्हें निर्धारित समय से तीन महीने पहले यानी 31 मार्च 2023 को ही शासन ने रिटायरमेंट दे दिया। प्री-मैच्योर रिटायरमेंट मिलने से तिवारी तनाव में हैं। एक साल तक उन्होंने विभाग और शासन दोनों से निवेदन किया कि मेरे साथ अन्याय हो रहा है। कई दफ्तरों के चक्कर काटे, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार उन्हें 31 मार्च को सीसीएफ पद से रिटायर कर दिया गया।
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वन विभाग के सचिव से भी निवेदन किया
तिवारी ने बताया कि मैं 1991में राज्य वन सेवा में एसडीओ के पद से भर्ती हुआ। सर्विस बुक (सेवा पुस्तिका में) जन्म तिथि 12 जून 1963 दर्ज है। 17 साल बाद 2008 में भारतीय वन सेवा में प्रमोशन हुआ। कुछ लिपिकीय त्रृटि की वजह से जो वरीयता सूची बनती है, उसमें हमारी जन्म तिथि 12 मार्च 1963 दर्ज हो गई। दिसंबर 2021 में मुझे प्रधान मुख्य वन संरक्षक का पत्र मिला कि मेरी सेवानिवृत्ति 31 मार्च 2023 को हो जाएगी। आप पदस्थी का विवरण दें, यह देख मैं चौंक गया। जनवरी 2022 में प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय को लिखा था कि मेरे रिटायरमेंट की तारीख और जन्मतिथि, जो आदेश में लिखी वह गलत है। मेरी जन्मतिथि 12 जून 1963 है, उस हिसाब से सेवानिवृत्ति 30 जून 2023 को होनी चाहिए। साक्ष्य के रूप में दस्तावेज (मार्कशीट, सर्विस बुक का फ्रंट पेज अन्य दस्तावेज) भी दिए, लेकिन रिटायरमेंट की तारीख में सुधार नहीं हुआ। 25 नवंबर 2022 को वन विभाग के सचिव को भी लेटर भेज कर निवेदन किया था।
कैट में की याचिका दायर
बकौल तिवारी, नवंबर 2022 में ही प्रधान मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय से भी वन विभाग को पत्र भेजा गया। इसमें उल्लेख किया कि लिपिकीय त्रृटि से सेवा सेवानिवृत्ति, जन्म तिथि गलत लिखी गई है। उसमें सुधार किया जाना चाहिए। इसके बावजूद सुधार नहीं हुआ। मैंने 1 मार्च 2023 को अपर मुख्य सचिव बार रिमाइंडर भेजा। 21 मार्च 2023 को मुख्य सचिव को पत्र लिखा। उसके बाद भी सुधार नहीं किया। करीब एक साल तक चक्कर काट रहा हूं कि मेरे साथ अन्याय हो रहा। बाबू की त्रृटि से लिखी गलत तारीख की वजह से सेवानिवृत्ति तय समय से 3 महीने पहले हो रही है। कहीं से भी राहत नहीं मिली, तो 24 मार्च को जबलपुर में कैट (सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस) याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई।
अफसर ने कहा- अपमानजनक तरीके से नौकरी से बाहर किया
तिवारी ने बताया कि 30 मार्च को मेरी याचिका पर सुनवाई हुई। अगली सुनवाई अप्रैल महीने में होगी। इस बीच 28 मार्च को प्रधान मुख्य वन संरक्षक से निर्देश मिले कि 31 मार्च को आप सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सीसीएफ का प्रभार एसटीआर क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति को दे दें। मैंने 31 मार्च को आदेश के पालन में एसटीआर एफडी को प्रभार दे दिया। मैं प्री-मैच्योर रिटायरमेंट होने से मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहा हूं। इतने सालों से सेवा करने का फल मिला कि मुझे अपमानजनक तरीके से बाहर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्ति को लेकर मानसिक रूप से न मैं तैयार था और ना स्टाफ। ऐसे में अंतिम दिन स्टाफ भी दुखी था। मुझे समझ नहीं आ रहा कि कहां जाऊं, किससे कहूं। बाबू की गलती की सजा मुझे मिल रही है। सेवानिवृत्ति के आदेश वरीयता सूची के आधार पर बनी है। सेवानिवृत्ति आदेश भोपाल स्तर पर ऑफिस से ही तैयार होता है। सर्विस बुक देखकर ही इसे बनाया जाना चाहिए था। पता नहीं ऐसा मेरे साथ क्यों हो रहा है।