BHOPAL. जैन समाज के महातीर्थ सम्मेद शिखर को लेकर केंद्र सरकार ने झारखंड सरकार को एक पत्र लिखा है, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रसिद्ध जैन तीर्थ सम्मेद शिखर ( पारसनाथ सेंचुरी) इको सेंसेटिव जोन के साथ पर्यटन स्थल घोषित करने के बारे में झारखंड सरकार को जांच कर जल्द उचित कार्रवाई करने का इस पत्र में जिक्र है।
केंद्र का झारखंड सरकार से जल्द उचित कार्रवाई करने का आग्रह
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने प्रसिद्ध जैन तीर्थ सम्मेद शिखर ( पारसनाथ सेंचुरी) इको सेंसेटिव जोन के साथ पर्यटन स्थल घोषित करने के बारे में झारखंड सरकार को जांच कर जल्द उचित कार्रवाई करने को लिखा है। केंद्रीय वन मंत्रालय के उप महानिरीक्षक ( वन्य प्राणी) राकेश कुमार ने यह पत्र मंगलवार, 20 दिसंबर को झारखंड सरकार के वन विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा है। इस पत्र में जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को लेकर जैन समाज की भावनाओं के बारे में इंदौर के बीजेपी सांसद शंकर ललवानी एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के पत्रों का उल्लेख करते हुए झारखंड सरकार को राज्य में स्थित पारसनाथ सेंचुरी को इको सेंसेटिव जोन घोषित करने की अधिसूचना के मामले में जांच कर यथाशीघ्र उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
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मध्य प्रदेश के कई शहरों में हुआ विरोध प्रदर्शन
झारखंड के गिरिडीह में जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ था, इस नोटिफिकेशन के जारी होने के बाद से ही जैन समाज का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, इंदौर, भोपाल, सागर, खंडवा, शाजापुर, सीहोर, नीमच में भारी विरोध हुआ था, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे अपने इस फैसले को वापस लें।